________________
RAJ BHAWAN Bhubaneswar-751008
२१ फरवरी १९६०
* शुभ सन्देश यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि आप परम विदुषी साध्वीरत्न श्री कुसुमवतीजी महाराज की दीक्षा स्वर्ण जयन्ती मनाते हुए इस अवसर पर एक अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित करने जा रहे हैं। ___मैं इस प्रयास की सफलता की कामना करने के साथ-साथ यह आशा करता है कि "कुसूम अभिनन्दन ग्रन्थ" अपनी निःस्वार्थपरक सेवा में सदा कामयाब रहेगा। मैं इसके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना करता है।
-यज्ञदत्त शर्मा (राज्यपाल : उड़ीसा)
वाणिज्य मन्त्री
भारत नई दिल्ली-११००११ ४ जनवरी १९६०
यह अत्यन्त हर्ष की बात है कि परम विदुषी साध्वी रत्न श्री कुसुमवती जी महाराज को दीक्षा स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व का अभिनन्दन करने हेतु समाज द्वारा एक "अभिनन्दन ग्रन्थ" का प्रकाशन किया जा रहा है। __ मैं ग्रन्थ के सफल प्रकाशन हेतु अपनी शुभकामना भेजते हुए आशा करता हूँ कि यह ग्रन्थ मानव-मात्र की एक मूल्यवान निधि बन सकेगा जिससे आध्यात्मिक साधना पथ के पथिक सदैव प्रेरणा लेते रहेंगे।
-अरुण नेहरू साध्वारत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ
Jäin Education International
www.jainelibrary.org