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इस पवित्र भारतभूमि पर समय समय पर कुछ विशिष्ट व्यक्ति जन्म लेते रहे हैं जिनका जीवन उस फूल सा महकता रहा है जो जीते जी भी अपनी सुगन्ध से समाज को सुवासित करते रहे
और जीवनोपरान्त भी, जिनकी सुवास से समाज सुवासित रहता है, उन्हीं सद्पुरुषों की लड़ी की कड़ी में स्वनाम धन्य परम गुरुभक्त उदारमना शेरा प्रान्त के शेर स्व० सेठ श्री चुन्नीलाल जी सा परमार का नाम भी बड़े गौरव के साथ लिया जाएगा। आपका जन्म पदराडा गांव में सेठ श्री लालचन्द जी परमार के घर पर मातुश्री कंकृवाई की कुक्षी से हुआ, बचपन में सुसंस्कारों के कारण आपमें धार्मिकता ने प्रवेश किया जो जीवन के अन्तिम क्षणों तक बनी रही, युवावस्था होने पर आपकी शादो ढोल गांव के सुप्रसिद्ध सेठ परिवार की कन्या श्री लहरीबाई के साथ हई।
आपके ५ सुपुत्र आज भी ५ पाण्डवों की तरह सदा सामाजिक धार्मिक कार्य में अगुवा रहते हैं जिनके नाम क्रमशः सोहनलालजी. श्री चुन्नीलाल सा. परमार भंवरलाल जी, गोकुलचन्द जी, कन्हैय्यालाल जी एवं गोविन्दसिंह जी हैं जिनकी धर्मपत्नियाँ सुशीलाबाई, कंचनबाई, लोलाबाई मोनाबाई एवं लोलाबाई हैं। आपको ३ सुपुत्रियाँ हुलासदेवी, पुष्पादेवी, निर्मलादेवी जिनको क्रमशः तिरपाल, सायरा एवं तिरपाल में शादी हुई है।
पुण्यवानी के प्रबल योग से धर्म के साथ लक्ष्मी देवी का भी आपके घर में दिन दूना रात चौगुना स्थान रहा है। आपके पोत्र पोत्रियाँ दिनेश कुमार, भुपेन्द्र कुमार, जयन्ति कुमार, विपुल कुमार,
दिलीप कुमार हितेश, लोकेश एवं नूतन कुमारी, धुलीकुमारी, ऊषा कुमारी, कोमल कुमारी झली कूमारी आदि के जीवन में भो धर्म संस्कार हैं। वर्तमान में आपका वस्त्रों का प्रसिद्ध व्यवसाय सूरत में है । आपकी प्रसिद्ध फर्मे हैं।
अम्बिका सिल्क कोर्पोरेशन नं० १०८४ टेक्सटाइल मार्केट रिंग रोड सूरत-२
वीना इण्टरनेशनल
सूरत
वीर ज्योति इण्टरप्राईजेज
सूरत-(गुजरात) इसी वर्ष आपका अस्वस्थता के कारण स्वर्गवास हो गया आपके सुपुत्रों ने गुरुभक्ति से उदारतापूर्वक प्रस्तुत ग्रन्थ में सहयोग प्रदान किया है।
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