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उदयपुर के सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्रीमान् सम्पत्तिलाल जी बोहरा की जन्मभूमि जिले के
रुण्डेडा गाँव रही है, आपके पूज्य पिताश्री का नाम सेठ खेमराज जी सा. बोहरा एवं मातेश्वरी का नाम श्रीमती सुन्दरबाई था, आपका पाणिग्रहण जयपुर निवासी उमरावचन्द जी जरगड की सुपुत्री नगीनादेवी के साथ हुआ, आपका व्यापार व्यवसाय उदयपुर में चल रहा है, उदयपुर की अनेक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के आप पदाधिकारी है, आ। विधायक भी रह चुके हैं । चार्टेड अकाण्टेट में आपका नाम प्रमुख रूप से रहा है।
आपके दो सपुत्र हैं जिनका नाम राजकुमार व विनयकुमार हैं । आप की ३ सुपुत्रियाँ हैं जिनका नाम चन्द्रकला, रोता, नीता है । श्री तारक गुरु जैनग्रन्थालय उदयपुर के वर्तमान में आप अध्यक्ष हैं. ग्रन्थ प्रकाशन में भी आपका सहयोग
प्राप्त हुआ है। अश्विनी बाजार में आपकी श्री सम्पत्तिलाल जी बोहरा, उदयपुर
सुप्रसिद्ध फर्म हैं। मदनगंज निवासी श्रीमान चांदमल जी साहब मेहता एक ओजस्वी तेजस्वी एवं समाज के कर्मठ कार्यकर्ता हैं। आपका जन्म किशनगढ़ के निकट पिगलोद में हुआ, आपने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, सन् १९४१ में आपके व्यक्तित्व व कार्य से प्रभावित होकर तत्कालीन किशनगढ़ नरेश द्वारा आपका स्वर्णाभूषण से सन्मान किया गया। सन् १९५२-५४ में आप विधायक भी रहे, प्रामाणिकता व कर्तव्य निष्ठा आप में कूट-कूट कर भरी है, आप अनेक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं में पदाधिकारी रहे हैं। मदनगंज श्रावक संघ व श्री वर्धमान पुष्कर जैन सेवा समिति के आप सन्माननीय अध्यक्ष भी रहे हैं। आप श्री के वीरेन्द्रकुमार जी, सुरेन्द्रबाबू जी, नरेन्द्रकुमार जी, जितेन्द्र कुमार जी, सतेन्द्र कुमार जी सुपुत्र हैं, इस प्रकार आपका भरापूरा परिवार समाज क्षेत्र में सदा अग्रगण्य रहा है। प्रस्तुत ग्रन्थ में आप द्वारा हादिक सहयोग प्राप्त हुआ है।
श्रीमान् चांदमल जी मेहता, मदनगंज (६ )
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