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श्री मोतीलाल जी डागलिया
नाथद्वारा
श्री चुन्नीलाल जी डागलिया
नाथद्वारा
राजस्थान की पावन पुण्यधरा जहाँ वीर भूमि के रूप में विश्रुत रही है वहीं धर्म भूमि के रूप में भी उसकी ख्याति कम नहीं रही हैं । यहाँ समय-समय पर अनेक नररत्नों ने जन्म लेकर उस धरती को अपनी आन-बान-शान से चमत्कृत किया है । यही कारण है कि ऐसे सद् पुरुषों का नाम हजारों वर्षों तक बना रहा है।
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मेवाड़ की सुप्रसिद्ध तीर्थनगरी श्री नाथद्वारा भारत भर में ही नहीं अपितु विश्वभर में प्रसिद्ध रही हैं। इसी नाथद्वारा नगर के सुप्रसिद्ध डागलिया परिवार में आप तीनों भाइयों का जन्म हुआ । श्रीमान् मोतीलाल जी सा. डागलिया, श्रीमान् चुन्नीलाल जी सा. डागलिया, श्रीमान् रंगलाल जी सा. डागलिया आप तीनों भाइयों ने समाज के धर्म के प्रत्येक कार्य में मुक्त हस्त से भाग लिया है, समाज की ऐसी कोई प्रवृत्ति नहीं जिसमें डागलिया परिवार का नाम न आता हो। माता-पिता के सुसंस्कारों के कारण आपके जीवन में देव-गुरु-धर्म के प्रतिपूर्ण आस्था श्रद्धा हैं । धार्मिक साधना में आपकी विशेष रुचि रही हैं। समाज की अनेक संस्थाओं के साथ आप तन-मन-धन से जुड़े हुए हैं। आपकी तरह ही आपका परिवार भी अत्यन्त धर्मनिष्ठ व सुसंस्कारित हैं । उनकी धर्मपत्नियाँ भी उदार मना व सन्तसतियाँ जी की सेवा में सदा अग्रगण्य रहती हैं। परम विदुषी महासति श्री कुसुमवती जी म. के नाथद्वारा चातुर्मास में आपके परिवार ने सेवा का अपूर्व लाभ उठाया, एवं प्रस्तुत ग्रन्थ में भी आपने उदारतापूर्वक सहयोग प्रदान किया है।
श्री रंगलाल जी डागलिया
नाथद्वारा
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