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जीवन के साथ जोड़ना है। अहिंसक समाज का अर्थ है प्रेम, करुणा और मित्रता का समाज । इसी
आज के संघर्ष में अहिंसा के धार्मिक मूल्य के साथ सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और 'मानवीय मूल्य एवं अर्थवत्ता भी नितान्त आवश्यक है, यदि यह नहीं होता है तो पृथ्वी पर जीवन के नाश के चिह्न स्पष्ट है । महावीर को विचार क्रांति ही हमारे आचार का आश्रय है, सम्बल है । सामा
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१] Carles Ronmolo
२ C. Wright Mill ३ P. Sorokin
४ Eihustin
५ T. Unnithan Yogendra Singh
६ J. S. Mathur P. C. Sharma
9 Unto Tahzinen
Kausleya Walli
& S. Radhakrishnan
१० P. Sorokin
११ Eric Berne
१२ वी. एन. सिन्हा गुणवंतशाह
१३ युवाचार्य महाप्रज्ञ
१४ मुनि नथमल १५ बेचरदास शास्त्री
१६ E. Hytton
१७ Alduous Muxley
१८ Edward Wilson
१६] M. Francis Abraham
२० सर्व सेवाश्रम प्रकाशन २१ श्रीचन्द रामपुरिया २२ निर्मल कुमार
२३ डा. भागचन्द शास्त्री
२४ मुनि अमोलक ऋषि २५ गुणवन्त शाह
जिक परिवर्तन के लिए सूक्ष्म और महत् अहिंसा व्यक्ति और समाज दोनों के लिए अनिवार्य हैवही केवल मात्र साधन है । आणविक युद्ध के न होने पर भी, पृथ्वी मौन भाव से हमारी जीवन कृत प्रक्रिया के कारण नष्ट हो रही है, उसे यदि बचाना है तो उसमें आमूल परिवर्तन करना अति आवश्यक और अनिवार्य और यह अहिंसा की अपरिमेय व्यक्ति से ही सम्भव है ।
- सन्दर्भ स्थल
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: Truth and Non-Voilence ( UNESCO - SYMPOSIUM)
: The Causes of World War Three, 1950
: The Reconstruction of Humanity.
Jain Education Internationa
: Interview, July, 1955
: Sociology of Non-Voilence.
: Non-Voilence and Scial Change Ahinsa
: Ahinsa in Indian Thought.
: Religion and Society
: Social and Cultural Dynamics
: A Layman's Guide to Psychiatry and Psychoanalysis
: जैन धर्म में अहिंसा । महामानव महावीर
: महावीर की साधना का रहस्य
: अहिंसा तत्व दर्शन
: Sociobiology
: Sociobiology: Modern Social Theory
: समता सूत्र
: महावीर वाणी
: भगवान महावीर
: जैनदर्शन व संस्कृति का इतिहास
: जैन धर्म व दर्शन
: महामानव महावीर
विभिन्न जैनागम, यंग इण्डिया, अमेरिकन रिव्यू आदि पत्रिकाएँ ।
: महावीर वाणी
: Non-Voilence and Developmental Work
: Ends and Means
चतुर्थखण्ड : जैन संस्कृति के विविध आयाम
साध्वीरत्न ग्रन्थ
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