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________________ द्वितीय खण्ड विदुषीव साध्वी रत्न महासती श्री कुसुमवती जी म. का जीवन दर्शन गौरव गरिमा मण्डित सद्गुरुणी परम्परा परम विदुषी महासती श्री सोहनकुवरजी म. जन्म से दीक्षा तक तृतीय खण्ड जीवन दर्शन संयम-साधना व्यक्तित्व की विशेषताएँ अतीत की स्मृतियाँ स्थापित संस्थाओं का परिचय विशिष्ट व्यक्तित्वों से सम्पर्क महासती श्री कुसुमवती जी म. सा. का धर्म परिवार चातुर्मास सूची ( २५ ) एक को जानो जैन दर्शन सम्मत आत्मा का स्वरूप विवेचन सामाजिक चरित्र के नैतिक उत्थान में जैन धर्म के दशलक्षणों की प्रासंगिक उपयोगिता Jain Education International जैन धर्म में व्यसनमुक्त जीवन का तुलनात्मक अध्ययन जैन पदार्थ - विवेचना में वैज्ञानिक दृष्टि कर्म सिद्धान्त : एक समीक्षात्मक अध्ययन विश्व धर्म के रूप में जैन धर्म दर्शन की प्रासंगिकता पुद्गल विवेचन - वैज्ञानिक एवं जैन आगम की दृष्टि में जैन दर्शन में 'द्रव्य' की धारणा और विज्ञान धर्म तथा दर्शन - डॉ० साध्वी दिव्यप्रभा a -डॉ० अमरनाथ पाण्डेय - डॉ० एम० पी० पटैरिया - प्रो० चन्द्रशेखर राय - प्रो० जनेश्वर मौआर - डॉ० नवलता - साध्वी श्रुतिदर्शना - डॉ० महावीर सरन जैन - डॉ० रमेशचन्द जैन - डॉ० वीरेन्द्रसिंह साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ For Private & Personal Use Only १०३ से १८० तक १०३ १०६ ११७ १२१ १३५ १६३ १६७ १७१ १७३ १७६ १८० १८१ से २७४ तक १८१ १८५ १९४ १६६ २०१ २०६ २१३ २२१ २२४ www.jainelibrary.org
SR No.012032
Book TitleKusumvati Sadhvi Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyaprabhashreeji
PublisherKusumvati Abhinandan Granth Prakashan Samiti Udaipur
Publication Year1990
Total Pages664
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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