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प्रथम खण्ड
10) क्या? कहाँ?
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श्रदार्चना
साधनाशील श्रमणी बहुमुखी प्रतिभा की धनी एक पारदर्शी व्यक्तित्व सत्यं और सत्वं की संसृति कुसुमसती चढ़ती रति सती कुसुमवती के साधना सुमन महासतीजी फले-फूलें एक अभिवंदनीय व्यक्तित्व साध्वी रत्ना का साधनामय जीवन निर्विवाद व्यक्तित्व पर दो शब्द
एक महकता कुसुम अन्तर् हृदय का अभिनन्दन साध्वी रत्ना श्री कुसुमवती जी
दो मुक्तक दीक्षा स्वर्ण जयन्ती ( पच्चीसी) अभिनन्दन है, अभिनन्दन है
श्री कुसुमाष्टकम् हे साधिके अभिनन्दन
अभिनन्दन ......! जीवन ज्योति जले..... सुखद शताब्दी भी आये
- आचार्यश्री आनन्दऋषि जी म० - उपाध्याय पुष्कर मुनि
- उपाचार्य श्री देवेन्द्र मुनि
- प्रवर्तक भंडारी श्री पद्मचन्द जी म० - प्रवर्तक मुनि श्री रूपचन्द जी म० -अ० प्र० मुनि कन्हैया लाल 'कमल' - प्रवर्तक श्री अम्बालाल जी म० सा० - प्रवर्तक महेन्द्र मुनि 'कमल' - प्रवर्तक रमेश मुनि - सौभाग्य मुनि जी कुमुद - श्री ज्ञान मुनि जी - श्री रतन मुनि जी
-श्री गिरीश मुनि जी - पं० उदय मुनि
- उपप्रवर्तक श्री चन्दन मुनि जी म०
१ से १०२ तक
- कविरत्न श्री मगन मुनि जी म० 'रसिक' - श्री सुकनमल जी म० सा० - सुभाष मुनि 'सुमन' - गणेश मुनि शास्त्री
- प्रवर्तक श्री महेन्द्र मुनि 'कमल' - जिनेन्द्र सुनि
( २० )
साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थ
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