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रुचि मिश्र १०
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पानी एक चमत्कारिक औषधि है
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मंगल भवन अमंगलहारी, द्रवहु सो दशरथ अजिर बिहारी । दीनदयाल विरुदविहारी, हरहु नाथ मम संकट भारी ।। कई एक जानलेवा बीमारियों को दूर करने के लिए 'जापानीज सिकनेज एसोसिएसन' ने पानी द्वारा अत्यन्त सरल पद्धति की खोज की है। इस पद्धति से पानी पीने का प्रयोग करने से कई एक पुरानी जानलेवा बीमारियों को दूर किया जा सकता है। ★ सरदर्द, ब्लडप्रेसर, एनीमिया (खून की कमी) गठिया, लकवा, हृदय की धड़कन एवं बेहोशी
★ कफ खाँसी, दमा एवं टी० बी० ।
हाईपरएसिडिटी (अम्ल पित्त ) गैस से सम्बन्धित पेचिस, कब्जियत, अर्स, डायबिटिज (मधुमेह) लीवर से सम्बन्धित बीमारियां ।
पानी पीने की विधि
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रोजाना सुबह जल्दी उठकर बिना मुंह धोये, बैठ कर १.२६० लिटर (चार बड़े ग्लास) पानी एक साथ पी जाना है। पानी पीने के बाद आप मुंह धो अथवा ब्रश कर सकते हैं। यह प्रयोग करने के ४५ मिनट बाद आप नाश्ता कर सकते हैं लेकिन २ घण्टे बाद ही अपनी इच्छानुसार पानी पी सकते हैं। इसी तरह दोपहर एवं रात के भोजन के २ घण्टे बाद पानी पी सकते हैं।
बीमार एवं नाजुक स्वास्थ्यवाले व्यक्ति यदि एक साथ चार ग्लास पानी न पी सकें तो पहले एक या दो ग्लास पानी से प्रयोग
विद्यालय खण्ड / ५८
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शुरु करें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाकर एक से चार ग्लास पी जायें। इसके बाद चार ग्लास पानी नियमित रूप से पीना जारी रखें। जिन्हें वातरोग या गठिया रोग (जोड़ों की बीमारियाँ) की तकलीफ हो, उन्हें इस प्रयोग को प्रथम एक सप्ताह तक दिन में तीन बार करना चाहिए। उसके बाद दिन में एक बार ही प्रयोग करें।
पानी का यह प्रयोग अत्यन्त ही सरल एवं साधारण है। चार ग्लास पानी एक साथ पीने से शरीर पर कोई कुप्रभाव (Side effect) नहीं पड़ता है। शुरुआत के कुछ दिनों तक पानी पीने के बाद थोड़ी देर के बाद २, ३ बार पेशाब अवश्य आएगा लेकिन बाद में नियमित हो जाएगा।
सच तो यह है कि इस प्रयोग की बीमार एवं तन्दुरुस्त व्यक्ति दोनों ही नियमित रूप से कर सकते हैं बीमार इसलिए कि उसे तन्दुरुस्ती मिले एवं तन्दुरुस्त इसलिए कि कभी बीमार न पड़े।
अनुभवों एवं परीक्षणों के पश्चात् यह देखा गया है कि इस प्रयोग से अलग-अलग बीमारियों को निम्न अवधि में फायदा हुआ
हाईपरटेनसन (ब्लड प्रेसर ) डायबिटीज (मधुमेह)
गैस की तकलीफ
कैन्सर कब्जियत
टी.बी.
१ महीना में
५ महीना में
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१० दिनों में
६ मीना में
१० दिनों में
३ महीना में
इस प्रयोग से लाभ उठाकर सभी तन्दुरुस्त हो सकते हैं। सिया राममय सब जग जानी। करउ प्रनाम जोरि जुग पानी ।। नोट : पानी रात में तांबे के बर्तन में रखा जावे और प्रात: काल उसी को पीने से अधिक लाभदायक होगा।
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