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केशरी चन्द सेठिया
विद्या के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता
यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता व प्रमोद हुआ कि आप "श्री जैन विद्यालय" की हीरक जयन्ती मना रहे हैं। किसी भी संस्था की हीरक जयन्ती उसकी प्रगति, प्रसिद्धि, उपयोगिता तथा कार्यकलापों का एक सुनहरा जीता जागता इतिहास है। पाठशाला के रूप में प्रारम्भ हुआ यह विद्यालय एक वटवृक्ष के रूप में विकसित, पल्लवित हो रहा है। कलकत्ता महानगर की अत्यन्त घनी बस्ती में स्थित होने के कारण इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ गई है।
हजारों-हजार छात्रों का यह सरस्वती मंदिर विद्या के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता व श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि बिना किसी डोनेशन के बच्चों को दाखिला मिल जाता है। वर्ना दाखिला और वह भी बिना डोनेशन के मिलना एक सातवां आश्चर्य है। विद्यालय के छात्र न केवल उच्च श्रेणी में उत्तीर्ण होते हैं अपितु अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् अपने-अपने कार्य क्षेत्र में भी सफल नागरिक साबित हुए हैं। किसी भी संस्था की सफलता, विकास उसके समर्पित कार्यकर्ताओं पर निर्भर है। छात्रों के धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शारीरिक विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मेरा बचपन इसी महानगरी में बीता है। अत: संस्था और कार्यकर्ताओं को नजदीक से देखने का अवसर मुझे सतत मिला है। एक से एक बढ़कर लगनशील कर्मठ कार्यकर्ताओं के सद् प्रयत्नों से ही यह संस्था फली-फूली है।
स्कूल की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर शामिल होने का सुयोग मिला था। आज उसी संस्था का हीरक जयन्ती समारोह मनाने जा रहे हैं। पूरे समाज को इस पर नाज है विशेषकर जैन समाज को।
मैं संस्था की हीरक जयन्ती के इस शुभ अवसर पर अपनी शुभ कामनाएं प्रेषित करता हूं।
-उपाध्यक्ष, भगवान महावीर अहिंसा प्रचार संघ, मद्रास
हीरक जयन्ती स्मारिका
विद्यालय खण्ड / २०
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