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________________ खण्ड १ | जीवन ज्योति संक्षिप्त जीवन-वृत्त १. शशिप्रभाश्रीजी-जन्म फलोदी में संवत् २००१ में, पिता-ताराचन्दजी, माता-बालादेवीजी, गोत्र-गोलेच्छा, नाम-किरण, १० वर्ष की अल्पायु में दीक्षा, इनकी बुआ पुण्यश्रीजी के पास दीक्षित थीं, नाम था उपयोगश्रीजी, दीक्षा-संवत् २०१४ में मिगसर सुदी दूज ब्यावर में पू. विज्ञानश्रीजी के सान्निध्य में, हिन्दी, संस्कृत का अच्छा अभ्यास, राजस्थान विश्वविद्यालय से जैन दर्शन में आचार्य, तप-त्याग में विशेष रुचि, अनुशासनप्रिय व प्रभावी प्रवचनकार । २. प्रियदर्शनाश्रीजी-जन्म-जयपुर में संवत् २००६, पिता-कमलचन्दजी, माता-चंद्रावतीजी, गोत्र-बांठिया, नाम-किरण, दीक्षा-सवत् २०२३ में अषाढ़ सुदी ६ को जयपुर में, संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान, साहित्यरत्न परीक्षा उत्तीर्ण, प्रवचनकार । ३. जयश्रीजी-जन्म--अरई (जिला अजमेर) में वि. सं. १६६० में, पिता-सगतसिंहजी, माताधापूबाईजी, गोत्र-मेहता, नाम--तेजकंवर, दीक्षा-संवत् २०२६ वैशाख बदी १० को आचार्य जिनकांतिसागरजी की निश्रा में, जयपुर में, स्वाध्यायशील, तप में विशेष रुचि । ४. दिव्यदर्शनाश्रीजी-जन्म-फलोदी में वि. संवत् २००८, पिता-भीखमचन्दजी, मातासुन्दरदेवीजी, गोत्र-कोचर, नाम-निर्मला, दीक्षा-खड़गपुर में वि. सं. २०३० मिति माघ सुदी ५ को, अनेक प्राचीन धार्मिक ग्रन्थों का अर्थ सहित अध्ययन, तप-त्याग में रुचि, अध्ययनशील व सेवा भावना अच्छी । ५. तत्वदर्शनाश्रीजी-जन्म-खड़गपुर में वि. सं. २०१२ में, पिता-भीखमचंदजी, माता-सुन्दरदेवीजी, गोत्र-कोचर, नाम-हीरामणि दीक्षा-वि० सं० २०३० में माघ सुदी ५ (२८ जनवरी १९७३) को खड़गपुर में, तप-त्याग में रुचि के साथ सेवा भावना। ६. सम्यग्दर्शनाश्रीजी-जन्म-खड़गपुर में वि० सं० २०१६ (२१ फरवरी १९६०), पिता-भीखमचंदजी, माता-सुन्दरदेवीजी, गोत्र-कोचर, नाम-कमलेश, दीक्षा-खड़गपुर में वि० सं० २०३० में में माघ सुदी ५ (२८ जनवरी १९७३) में, अध्ययनरत व प्रवचनकार। ७. शुभदर्शनाश्रीजी-जन्म-जीवाणा (जालोर) में वि० सं० २०१६ पिता-हस्तीमलजी, मातामोहरादेवीजी, गोत्र-बागरेचा, नाम-लीला, दीक्षा-वि० सं० २०३७ पौष सुदी १० को नाकोड़ाजी तीर्थ में आचार्य जिनकांतिसागरजी की निश्रा में, अध्ययनरत । ८. मुदितप्रज्ञाश्रीजी-जन्म--अजमेर में वि० सं० २०१४ में, पिता-मानमलजी, माता-चाँददेवीजी, गोत्र-सराणा, नाम-मंज. दीक्षा-अजमेर में कैलाससागरजी की निश्रा में वि० सं० २०३८ वैशाख बदी ६ को, शिक्षा-बी. ए., आगे अध्ययन जारी । ६. शीलगुणाश्रीजी-जन्म-गढ़ सिवाणा (जिला बाड़मेर) में वि० सं० २०२०, पिता-हेमराजजी माता-सीतादेवीजी, गोत्र-ललवाणी, नाम-नीता, दीक्षा-वि० सं० २०४० वैशाख बदी ६ आचार्य जिन उदयसागरजी की निश्रा में, गढ़ सिवाणा में, अध्ययरत । १०. सौम्यगुणाश्रीजी-जन्म-गढ़ सिवाना में वि० सं २०२७, पिता--केशरीचंदजी, माताविमलादेवीजी, गोत्र-छाजेड़, नाम-निशा, दीक्षा-२०४० वैशाख बदी ६ को गढ़ सिवाणा में आचार्य उदयसागरजी की निश्रा में, नाम के अनुरूप सौम्य स्वभाव-अध्ययनरत । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012028
Book TitleSajjanshreeji Maharaj Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShashiprabhashreeji
PublisherJain Shwetambar Khartar Gacch Jaipur
Publication Year1989
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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