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सन्
से १५.
से २६.
खण्ड १ | जीवन ज्योति उनमें दो जयपुर और कलकत्ता तो बड़े शहर और राज्यों की राजधानियाँ है और दो पुराने मारवाड़ की मरुभूमि के प्राचीन नगर। राजस्थान में उनके चातुर्मास उदयपुर संभाग को छोड़कर बाकी सब संभागों में हो चुके हैं। उनके अब तक के ४७ चातुर्मासों की तालिका प्रस्तुत है :स्थान
वि. सं. जयपुर १९६६
१९४२ फलोदी २०००
१९४३ जयपुर २००१
१९४४ कोटा २००२
१६४५ जयपुर
२००३ से २००६ १९४६ से १९४६ झुझुनू २००७
१६५० जयपुर
२००८ से २०१३ १९५१ से १९५६ टोंक २०१४
१६५७ जयपुर
२०१५ से २०२४ १९५८ से १९६७ बीकानेर २०२५
१६६८ फलोदी २०२६
१९६६ दिल्ली २०२७
१९७० लखनऊ २०२८
१९७१ कलकत्ता २०२६
१९७२ कलकत्ता २०३०
१९७३ पावापुरी २०३१
१६७४ जयपुर २०३२
१९७५ पालीताणा २०३३
१९७६ जामनगर २०३४
१९७७ जयपुर २०३५
१९७८ अजमेर २०३६
१९७६ सिवाना २०३७
१९८० ब्यावर २०३८
१९८१ ४१. जोधपुर
२०३६
१९८२ ४२. सिवाना २०४०
१९८३ ४३. से ४७. जयपुर
२०४१ से २०४५ १९८४ से १९८८ अभी आप अस्वस्थता के कारण जयपुर में ही विराजमान हैं।
खण्ठ १/१२
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