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________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि श्री जवाहरलाल जी बाघमार जैन श्री जवाहरलाल जी बाघमार जैन एक कर्मठ समाज सेवी एवं स्वाध्यायी हैं। आपका चेन्नई में फाइनेंस का व्यवसाय है जिसे आपके तृतीय पुत्र श्री राजेन्द्र कुमार जी बागमार संभालते हैं। आपके परिवार का कानपुर में किराणे का व्यापार है जिसे आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री प्रेमचन्द जी बाघमार व द्वितीय पुत्र श्री सुरेशकुमार जी वाघमार सम्भालते हैं। आपका जन्म दिनांक १६-१-१६३७ को जोधपुर जिले के कोसाना ग्राम में हुआ। स्व. श्रीमान सोनराज जी बाघमार आपके पिता थे। आपने डी. ए. बी. कालेज कानपुर से एम. काम. तक शिक्षण प्राप्त किया। आप श्री राजस्थान वेलफेयर सोसायटी एवं श्री कोसाना एसोसिएशन चेन्नई के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं। वर्तमान में आप श्री रत्न हितेषी जैन श्रावक संघ तमिलनाडु संभाग के क्षेत्रिय प्रधान हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शान्ताकंवर जी वाघमार एक धर्मशीला सन्नारी हैं। आपके परिवार ने ४० वर्षों पूर्व कोसाना में एक स्कूल का निर्माण कर सरकार को भेंट किया था। आपकी साहित्य पठन, लेखन एवं संगीत भजन के प्रकाशन में विशेष अभिरुचि है। अब तक आप द्वारा संकलित नी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। आप एक सुमधुर गायक भी हैं । आप धार्मिक एवं जन कल्याणकारी कार्यों में उदार हृदय से सहयोग करने हेतु सदैव तत्पर रहते हैं तथा अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से सक्रियता से जुड़े हैं। सम्पर्क सूत्र श्री जवाहर लाल जी बाघमार ६, चन्द्रपा मुदली स्ट्रीट, साहुकार पेट, चेन्नई ६०००७६ ४ Jain Education International श्री अमृतराज डी. सिंगवी श्री अमृतराज डी. सिंगवी श्रीमान् जे. देवराज जी सिंगवी विल्लीपुरम के सुपुत्र हैं तथा जैन समाज के लोकप्रिय युवा कार्यकर्ता हैं। आपकी आयु इकातालीस वर्ष है आपका टी. नगर चेन्नई में दवा वितरण का थोक व्यापार है तथा आप सुपर डिस्ट्रीव्युटर हैं। साथ ही आप क्लीयरिंग व फारवार्डिंग का भी व्यापार करते हैं। आप अनेक सामाजिक व व्यावसायिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हैं जिनमें से मुख्य निम्न हैं (१) कैमिस्ट ड्रगिस्टस् एसोसिएशन (२) क्लीयरिंग एंड फोरवार्डिंग एसोसिएशन (३) एस.एस. जैन संघ माम्बलम, टी. नगर (४) मरूधर केसरी सेवा समिति आप के दो पुत्र श्री सुदर्शन एवं श्री सिद्धार्थ तथा एक पुत्री सुश्री यशोमती हैं आप श्री एस.एस. जैन संघ माम्बलम् टी. नगर के सभी कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक सहयोग देते हैं आपका स्वभाव सरल व मधुर है सभी जनकल्याणकारी कार्यों में आपका उदारता पूर्ण सहयोग रहता है। For Private & Personal Use Only सम्पर्क सूत्र ३१, मन्नार स्ट्रीट टी. नगर, चेन्नई - ६०० ०१७ www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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