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________________ ग्रन्थ प्रकाशन में सहयोगी महानुभाव परिचय __ श्री के. सोहनलाल जी कांकरिया श्री भंवरलाल जी सांखला श्री के. सोहनलालजी कांकरिया नागौर जिले के हरसोलाव श्री भंवरलाल जी सांखला राजस्थान के मोहरा ग्राम के निवासी हैं। ग्राम के निवासी हैं तथा सेलम में वस्त्र के व्यापार में कार्यरत हैं। आपकी आयु ६२ वर्ष है। आप स्व. श्री मंगत राज जी सांखला के सुपुत्र हैं। आपने न केवल व्यावसायिक क्षेत्र में अपितु सामाजिक व धार्मिक क्षेत्रों में भी आप एक श्रेष्ठ समाजसेवी व धर्मनिष्ठ श्रावक हैं। आपकी धर्मपत्नी अनेक उपलब्धियाँ हस्तगत की हैं। श्रीमती सरोजा देवी एक सुगृहिणी श्राविका हैं। आपके तीन सुपुत्र आप श्री मरुधर केशरी गुरु सेवा समिति के ट्रस्टी हैं तथा श्री मरूधर हैं - श्री सुशील कुमार जी, श्री गजेन्द्र कुमार जी व श्री महावीर चन्द केशरी जी म. के नाम से चलने वाली सभी संस्थाओं से सक्रियता से जुड़े हुए जी। आपके दो सुपुत्रियाँ हैं -सुश्री इंदिरा एवं संतोष बी.काम.। हैं तथा 'श्री जैतारण पावन धाम' एवं 'मरूधर केशरी शिक्षा समिति' राणावास के उपाध्यक्ष हैं। आप अनेक जनोपयोगी सेवाकार्यों से जुड़े हुए हैं। आप आप एक उदारहृदयी थावक हैं। आपने अनेक संस्थाओं को तन-मनअपंगों के लिए स्थापित श्री कांकरिया केवलचन्द स्मृति फाउंडेशन धन से सहयोग दिया है जिनमें मुख्य हैं- 'श्री गुरु सेवा-समिति-पावन धाम तथा श्री DsscoD मर्सी होम के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु एजुकेशनल जैतारण, जैन भवन मेट्टपालयम, जैन स्थानक भवन पाली, स्वधर्मी फण्ड वेलूर, अमोलक जैन विद्या प्रसारक मण्डल आदि। ट्रस्ट सेलम के कोषाध्यक्ष हैं। इनके अतिरिक्त आप श्री स्थानकवासी शिक्षा, जनसेवा, जीवदया आदि सत्कार्यों में आप सदैव अग्रणी रहते जैन संघ, सेलम के उपाध्यक्ष भी हैं। अन्य अनेक संस्थाओं के हैं। आपने अनेक गोशालाओं, कबूतर खानों आदि में उदार हृदय से सहयोग पदाधिकारी व सदस्य हैं। दिया है। धर्म कार्यों व आतिथ्य सेवा में आपकी धर्मपत्नी भंवरी बाई भी हमेशा सहयोग प्रदान करती रहती है। स्वधर्मी भाइयों की सहायता करने में आप सदैव तत्पर रहते १८-११-८६ को जब आपका षष्टी वर्ष पूर्ति समारोह मनाया गया तब हैं। आपने आर्थिक दृष्टि से कमजोर अनेक परिवारों की मदद की है। आपके परिवार वालों ने एक ट्रस्ट का निर्माण किया तथा श्री मरुधर केशरी इनके अतिरिक्त समाज के अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को भी जैन विद्यालय व श्री मरुधर केशरी निशुल्क चिकित्सालय बनाने का निर्णय किया। प्रतिदिन भोजन, वस्त्र व अन्य वस्तुओं का दान देते रहते हैं। आपने आपके पांच पुत्र तथा दो पुत्रियां हैं। आपके पांचों पुत्र मेट्टपालयम व सेलम बस स्टैण्ड पर एक प्याऊ का तथा अन्ध विद्यालय में दो चेन्नई में व्यापार कार्य का संचालन करते हैं। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री नवरतन कमरों के निर्माण में भी सहयोग प्रदान किया है। आपने दिनांक ६- मल जी वी.काम. हैं तथा लायन्स क्लव जिला ३२४ वी. के ६८-६६ के गवर्नर १-६६ को २००० पिछड़े वर्ग के बच्चों को वस्त्र प्रदान किए। हैं। द्वितीय पुत्र श्री महावीर चन्दजी रोटरी क्लब के सदस्य हैं तथा मेट्रो मेट्रिक्यूलेशन स्कूल के कोषाध्यक्ष हैं। आपके ततीय पत्र श्री रमेश चन्द जी भी समाज कल्याण में संलग्न संस्थाओं यथा अंध व बधिर विद्यालय, जेसीज क्लव के उपाध्यक्ष हैं। आपके चतुर्थ पुत्र श्री विमल चन्द जी वी.ए. अपंगों की सहायता, विद्यालयों आदि में आप सदैव आवश्यक हैं तथा पांचवें पुत्र ज्ञान चन्दजी बी. टेक्नलो. हैं। इस प्रकार आपका पूरा उपकरणों की मदद करते रहते हैं। आप प्रतिदिन स्वधर्मी भाइयों की परिवार धार्मिक, सामाजिक तथा लोककल्याणकारी प्रवृत्तियों में संलग्न है। सहायतार्थ एक मनीआर्डर भेजते हैं। आप पूज्य गुरुदेव श्री सुमन मुनि जी म. के अनन्य भक्त हैं तथा इस ग्रन्थ के प्रेरक हैं। सन १६६७ में पूज्य गुरुदेव के मेट्टपालयम चातुर्मास में आपने समाज सेवा व पिछड़े वर्ग की मदद करने वाले श्री कांकरिया असीम भक्ति भावना का परिचय दिया। आपने गुरुदेव के सान्निध्य में मेट्टपालयम जी ने सेवा कार्यों में अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। आप पूज्य श्री व कुन्नूर के बीच एक जैन विश्रामगृह का उद्घाटन कार्यक्रम सम्पन्न किया। आप सुमन मुनि जी म. के अनन्य भक्त हैं तथा 'श्री सुमन मुनि दीक्षा श्री सुमन मुनि दीक्षा स्वर्ण जयन्ती समारोह समिति के कार्याध्यक्ष हैं। स्वर्ण जयन्ती अभिनन्दन समारोह समिति" के अध्यक्ष हैं। For Private & Personar ose only Jain Education International murjainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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