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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
पौत्र शिष्य श्री प्रवीण मुनि जी म. पंजाब से तमिलनाडु यहां से आप सैदापेठ पधारे और चौदह जुलाई को तक का उग्र विहार करके साहुकार पेठ पधारे। इस सवा आठ बजे मंगलमय मुहूर्त में जैन स्थानक टी.नगर प्रकार आप श्री ठाणे ३, भारती नगर, पेरम्बूर, अयनावरम् माम्बलम् में वर्षावास हेतु पदार्पण हुआ। भारी जनसमूह होते हुए श्री सुमति प्रकाश जी ‘पंजाबी' के घर न्यू के अतिरिक्त श्रमणसंघीय साधु-साध्वियों के कई सिंघाड़े आवड़ी रोड आए। यहां से श्री सुबुद्धि नाथ जैन 'पंजावी' भी आपके स्वागत में यहां पधारे थे। के घर को स्पर्शते हुए मुंगमबाक्कम हाई रोड पर स्थित श्री वर्षावास प्रारंभ हुआ। तब से आज तक चातुर्मास प्रकाश मलजी भण्डारी के बंगले पर पधारे । की धार्मिक गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल रही हैं। दो मंत्री मुनियों का सम्मिलन
दिनांक २२-२३ अक्टूबर ६६ को श्री सुमनमुनि यहां पर महामंत्री श्री सौभाग्य मुनिजी म. 'कुमुद',
दीक्षा-स्वर्ण जयंति का द्विदिवसीय विशाल समारोह श्री
एस.एस. जैन संघ माम्बलम् द्वारा समयोजित है। इसी श्री सुरेश मुनि जी म. शास्त्री आदि मुनि महाराष्ट्र बैंगलोर
प्रसंग पर यह विशालकाय ग्रंथ को आपके कर कमलों में से क्रमशः पधारे थे। महामुनियों से सुमधुर सम्मिलन ।
अर्पित कर लोकार्पण किया जाएगा। हुआ। पारम्परिक सामाजिक व धार्मिक स्थितियों पर दो श्रमण संघीय मंत्रियों का विचार विमर्श हुआ।
वंदन-अभिनंदन के साथ लेखनी को विराम !
0 प्रबुद्ध चिंतक, श्रेष्ठ लेखक, प्रभावशाली वक्ता, साहित्य-साधना के धनी डॉ. भद्रेश कुमार जैन ने एम.ए. एवं साहित्यरत्न की परीक्षाएं उत्तीर्ण करके शोध कार्य किया व पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। आपके शोध का विषय था - "जयगच्छीय आचार्य कवियों की काव्य-परंपरा"। आपने कई ग्रन्थों का संपादन किया जिनमें मुख्य हैं - 'महासती पन्ना स्मृति ग्रन्थ', 'सुमन-प्रव्रज्या' एवं 'शुक्ल-ज्योति'। आप एक श्रेष्ठ शिक्षक हैं तथा स्वाध्यायियों को प्रशिक्षण देने में अतीव कुशल हैं। आप नियमित प्रवचन भी देते हैं जो बहुत ही बोधपूर्ण व प्रभावोत्पादक होते हैं। आपने सुविख्यात “अमर-भारती” पत्रिका का २० महीनों तक कुशलतापूर्वक संपादन किया। सम्प्रतिः मुद्रक, संपादक व प्रकाशक । अनेक उच्चस्तरीय धार्मिक पाठशालाओं, स्वाध्याय कक्षाओं का सञ्चालन किया। श्री भारतवर्षीय जैन धर्म प्रचार-प्रसार संस्थान, चेन्नई के संस्थापक व निर्देशक ।
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भद्रेशकुमार जैन
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