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साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
किया। देह को थोड़ा विश्राम दिया तदन्तर पुनः प्रस्थित • दि. २४ जुलाई ६८ को श्रद्धेय उपाध्याय श्री हुए। रायपेठा होते हुए कुंडीतोप पधारे। यहां पर श्री केवल मुनि जी म. की जन्म जयंति तपाराधना पूर्वक जवाहरलाल जी बाघमार के मकान पर ठहरे। वहां से समायोजित की गई। भारती नगर आए जहां पवनकुमार जैन (अमृतसर) के
• दि. २४ जुलाई ६८ को आचार्य सम्राट् श्री मकान पर ठहरे।
आनन्द ऋषि जी म. की जन्म-जयंति पर विविध कार्यक्रम भारतीनगर से चिन्ताद्रिपेठ पधारे। यहीं से आपको रखे गए। युवक संघ की ओर से सामूहिक सामायिक चातुर्मासार्थ साहूकारपेठ पधारना था। सैकड़ों की संख्या । तथा एकासनों का आयोजन हुआ। जैन संघठन द्वारा भी में साहूकारपेठ के श्रावक श्राविका आपके दर्शनों के लिए त्रिदिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। विकलांगों
आए। दूसरे दिन साहूकार पेठ के लिए आपने प्रस्थान को विविध उपकरण प्रदान किए गए। किया। विशाल जनसमूह नभ मण्डल को जयकारों से
.२६ सितंबर ६८ को युवक संघ द्वारा 'भगवान गूज्जित करता हुआ एक जुलूस के रूप में आपका अनुगमन
महावीर' विषयक प्रश्नमंच का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कर रहा था। जैन भवन पधारे ।
उसी दिन अ.भा.श्वे. जैन कान्फ्रेंस - दक्षिण भारत की ___साहूकार पेठ स्थानक भवन में पुनः आपका पदार्पण शाखा की मीटिंग एवं चुनाव सम्पन्न हुए। हुआ। धर्मध्यान की बहार आई। आपके उपदेशामृत का
.३० जुलाई १६६८ को महिला मंडल द्वारा पान करने के लिए आशातीत श्रोता प्रतिदिन उपाश्रय
आयोजित शिविर समापन का कार्यक्रम सोत्साह सम्पन्न आते थे।
हुआ। साहूकार पेठ वर्षावास : कतिपय उपलब्धियाँ
• इस चातुर्मास की एक विशिष्ट उपलब्धि थी गुरुदेव
की सन्निधि में द्विदिवसीय जैन विद्या गोष्ठी का समायोजन । श्रमण संघीय सलाहकार एवं मंत्री मुनि श्री सुमन कुमार जी महाराज ठाणा २ के साहुकारपेठ के ऐतिहासिक द्वि दिवसीय जैन विद्या गोष्ठी वर्षावास में निम्नलिखित धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ परम श्रद्धेय श्रमणसंघीय संतरल विद्वद्वर्य श्री सुमनकुमार हुईं -
जी म.सा. की पावन सन्निधि में द्विदिवसीय जैन विद्या
गोष्ठी दिनांक १-२ अगस्त १६६८ को जैन भवन दिनांक ४ जुलाई ६८ को महासती श्री कानकंवरजी
चेन्नै-३ के सभागार में सोत्साह सानन्द सम्पन्न हुई। इस म. का स्मृति-दिवस तप-त्याग के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का सञ्चालन जैन विद्या अनुसंधान प्रतिष्ठान के • दि. १६ जुलाई ६८ को एस.एस.जैन युवक संघ
सचिव श्री दुलीचन्दजी जैन ‘साहित्यरल' ने किया। द्वारा प्रश्न मंच का १६वां भाग गुरुदेव की पावन सन्निधि दिनांक एक अगस्त को प्रातः ६.३० बजे सुश्री में विमोचित किया गया। इसी दिन महिलाओं का धार्मिक कविता कोठारी के मंगलाचरण से इस गोष्ठी का प्रारंभ शिक्षण शिविर भी प्रारंभ हुआ। इसमें २०० महिलाओं ने हुआ। आगन्तुक विद्वानों एवं श्रोताओं का स्वागत-भाषण भाग लिया।
के माध्यम से स्वागत-अभिनन्दन किया संघ के अध्यक्ष श्री
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