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________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि जनों ने भाग लिया। जिसमें से १५ को चयन किया गया, और जैन धार्मिक गीत प्रतियोगिता के सेमी-फाईनल में दिनांक २३-१०-१९६६ को सैकड़ों दर्शकों की उपस्थिति में २१ व्यक्तियों ने भाग लिया। सुमन-दीक्षा जयन्ति समारोहः दिनांक २४-१०-१६६६ को श्रमण संघीय सलाहकार मन्त्री श्री सुमनकुमार जी महाराज की ४७वीं दीक्षा जयन्ति तप-तप-त्याग-गुणानुवाद से मनाई गई। इस समारोह में मुख्य अतिथि मैसूर के युवराज एवं लोक सभा सदस्य श्री श्रीकण्ठ नरसिंहराज वाडयार ने मुनि श्री की दीक्षा जयन्ति पर श्रद्धा पूर्वक हार्दिक बधाईयां दी, उन्होंने अपने भाषण में श्री संघ के विभिन्न जनोपयोगी सेवा कार्यों की प्रशंसा की। आयोजन रहा। जिसमें कुल ३५० बालक बालिकाओं को वस्त्र एवं सामग्री वितरित की गई। करीब पचास अध्यापक गण उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में मैसूर शहर के महापौर श्री एम.एस. राजू, उप महापौर श्रीमती शांताकुमारी, कृष्णराजा विधान सभा के विधायक श्री ए. रामदास, चामराजा विधान सभा के विधायक श्री एच.एस. शंकरलिंगे गौडा, नगर पालिका के सदस्य श्री शिवाण्णा, सदस्या श्री मती गायत्री देवी ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर समारोह की शोभा बढ़ाई। दीक्षार्थी अभिनन्दन दिनांक १६-१०-६६ को मंडिया के सुश्रावक श्रीमान मिलापचन्द जी बोहरा का दीक्षार्थी अभिनंदन श्री संघ द्वारा धर्मसभा में संपन्न हुआ। जैन धार्मिक शिक्षण संस्कार शिविरः दिनांक १४-१०-१६६६ से २०-१०-१६६६ तक जैन धार्मिक शिक्षण संस्कार शिविर संपन्न हुआ, जिसमें १७५ शिविरार्थियों ने भाग लिया। इस शिविर में कर्नाटक जैन स्वाध्याय संघ बेंगलोर का पूर्ण सहयोग प्राप्त रहा। कर्नाटक जैन स्वाध्याय संघ के संयोजक एवं अध्यापक श्री शांतिलाल जी बोहरा, श्री नरेन्द्रकुमार जी कटारिया, श्रीमती प्रेमलतावाई चंडालिया वहां से अध्यापन के लिए पधारे, साथ ही अध्यापन कार्य के लिए मैसूर से श्री झेड़, संतीष कुमार जी मुणोत, श्रीमति सुशीला बाई सेठिया, श्रीमती विजय बाई श्री श्रीमाल, श्रीमती प्रेमाबाई कोठारी का सहयोग प्राप्त रहा। इस शिविर का उद्घाटन वयोवृद्ध श्रावक श्रीमान सुवालाल जी दक ने एवं पूर्व अध्यक्ष श्रीमान एस.एम. रिखबचन्द जी छल्लाणी ने समापन संपन्न किया। समापन समारोह में शिविरार्थियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र दिए गए। धार्मिक गीत प्रतियोगिता के प्रथम चरण में २८ इस दिन आयोजित जैन धार्मिक प्रतियोगिता के फाईनल में १३ स्पर्धियों ने भाग लिया, जिनमें प्रथम पुरस्कार श्री महावीर चन्द जी दरला को, द्वितीय पुरस्कार श्री विमल कुमार जी कोटेचा को एवं तृतीय पुरस्कार कुमारी बी. के कविता जैन को प्राप्त हुआ। निबन्ध-लेखन प्रतियोगिताः “श्री सुमन कुमार जी महाराज-व्यक्तित्व-कृतित्व” विषय पर निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में कुल २६ व्यक्तियों ने निबन्ध प्रस्तुत किए। जिसमें प्रथम श्री नौरतन के. कोठारी जी, द्वितीय श्री देवराज जी बम्ब, तृतीय श्री प्रकाश चन्द जी डागा रहे, सभी को पुरस्कार दिए गए। मानव चिकित्सा सहयोगः मुनि श्री के दीक्षा जयन्ति पर मानव चिकित्सा फण्ड में से श्री संघ की तरफ से श्री महादेव, ऑटो ड्राईवर के परिवार को हृदय शल्य चिकित्सा हेतु एक लाख रूपाये का चैक समारोह अतिथि श्री श्रीकंठदत्त नरसिंहराज वाडयार | ६८ Jain Education International For private e para Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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