________________
साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि
इस वर्ष महाराज श्री जी के चातुर्मास की पुण्य-स्मृति में स्व.पू. सौ. 'सुन्दरबाई पूनमचन्द जी सुराना' ज्ञानालय का उद्घाटन महापर्व पर्दूषण के प्रथम दिन दि. २२/८ शनिवार को प्रातः लगभग ६ बजे किया गया।
मंदिरमार्गी के लिए संघर्ष की बात बनी, मुनिश्री ने सच्चाई को व्याख्यान में उजागर कर सुलह करवाई एवं स्थानक की भूमि स्थानक हेतु प्रदान की। पर्युषण-पर्वाराधना ___ दि. २२/८ से पर्दूषण पर्व की आराधना विधिवत् आरंभ हुई इसमें प्रातः ६ बजे से ११ बजे तक अन्तकृत दशांग सूत्र और दोपहर २.३० बजे से ४ बजे तक कल्पसूत्रका वाचन महाराज श्री ने बहुत ही सुन्दर विवेचन के साथ किया।
इन दिनों में तपस्या की झड़ी का ठाट भी दर्शनीय था। उपवास, बेले, तेले, अठाई, नौ, तथा १५ उपवास तक की तपस्या तथा ऐकांतर और मासखमण तपस्या गुरु महाराज के आशीर्वाद से पूर्ण सफल हुई।
महापर्व संवत्सरी के दिन तो हॉल से बाहर मंडप में । भी बैठने की जगह मुश्किल से मिल पाई। संघ ने अपनी
ओर से पूरा प्रबन्ध किया। संवत्सरी का कार्यक्रम प्रातः ६ बजे से सायं ४.३० बजे तक निर्विघ्न रूप से चलता रहा।
इसी बीच में श्री रणजीतसिंह जी रचित आलोचना पाठ में भी लोगों की बहुत रुचि देखने को मिली।
ब्राह्मी बालिका मण्डल ने साँवत्सरिक गीतों से संवत्सरी पर्व का अभिनन्दन किया।
अन्त में श्री संघ ने संवत्सरी के अवसर पर सभी से सांवत्सरिक सम्बन्धी क्षमायाचना की। विशेष उपलब्धि
श्री आदिनाथ स्थानक में ज्ञानालय की अति आवश्यकता थी। श्री पूनमचन्द जी नेमीचन्दजी सुराणा ने आचार्य श्री आनन्दऋषिजी म.सा. के चरणों में ज्ञानालय की कमी को दूर करने का संकल्प किया था।
आत्म-शुक्ल जयन्ती
पूना चातुर्मासार्थ विराजित परम पू. श्रमण संघीय सलाहकार श्री सुमनमुनि जी म. आदि ठाणा के सान्निध्य में श्री आत्म - शुक्ल जयन्ती समारोह अति हर्षोल्लास सहित संपन्न हुआ।
इस शुभ अवसर पर संघ की विनती को स्वीकार करके 'सादड़ी सदन' पूना से प्रवर्तक श्री रूपचन्दजी महा. 'रजत', उप प्रवर्तक श्री विनयमुनि जी म. 'भीम', साधना सदन पूना से महासती श्री किरणप्रभाजी, श्री ज्ञानप्रभा जी, शिवाजी नगर (डेकन) से श्री केशरकंवरजी म. की सुशिष्या महासती श्री कौशल्याजी एवम् महासती श्री मन्जुश्री जी म. ने पधार कर समारोह की शोभा में वृद्धि की। नेत्र चिकित्सा शिविर
इस जन्म - जयन्ती के शुभ अवसर पर श्री आदिनाथ स्थानकवासी संघ तथा वीतराग सेवा संघ (साधना सदन) ने निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया । इसमें लगभग ३२५ नेत्र रोगियों ने दवाई तथा चश्मों का लाभ लिया। समाज सेवा का यह सुअवसर संघ को प्राप्त
हुआ।
श्रद्धांजलि
इस शुभ अवसर पर आचार्य श्री जी की १०५ वीं तथा पंजाब प्रवर्तक पं. श्री शुक्लचन्द जी म. की ६२ वीं जन्म - जयन्ती पर स्वर्गीय प्रवर्तक पं. श्री शुक्लचन्दजी म. के प्रपौत्र शिष्य मुनि श्री सुमन्तभद्र जी 'साधक' ने
६८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org