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________________ साधना का महायात्री : श्री सुमन मुनि बनकर, जनता-जनार्दन के 'योगक्षेम' साधते हुए समर्थ साहित्यकार, प्रवचन प्रबुद्ध प्रवचनकार एवं आध्यात्मिक सन्त के रूप में उन्होंने श्रमण-संघ की महिमा, गरिमा एवं प्रतिष्ठा को गौरवान्वित बनाया है। श्रमण-दीक्षा-स्वर्ण जयंति के पावन प्रसंग पर वहाँ पधारे हुए सभी सन्त-सतिवर्ग की, चतुर्विध श्री संघों के अभिवादन के साथ अभिवंदना करते हुए, अस्वस्थता के कारण इस समारोह में उपस्थित न रह सका - इसके लिए सभी की क्षमा चाहता हूँ। क्षमापना स्वीकार करें। क्षमाप्रार्थी - शान्तिलाल व. शेठ जयनगर-बैंगलोर (कर्नाटक) आप के वहाँ विराजमान् पं. प्रवर श्रमणसंघीय सलाहकार मंत्री श्री सुमन मुनिजी म. आदि ठा. ३ को मेरी वंदना अर्जकर सुखसाता पूछे। तथा यहाँ विराजित उपाध्यायजी श्री मूलमुनि जी म.सा. आदि मुनिराजों की ओर से यथा योग वंदन सुखशांति की पृच्छा मालूम होवे । आप की तरफ का पत्र प्राप्त हुआ। सलाहकार मंत्री श्री सुमन मुनिजी म. की दीक्षा स्वर्ण जयंती मनाने का आयोजन किया है तो हमारी तरफ से बधाई है। पूरण जैन श्री वर्द्ध. स्था. जैन श्रावक संघ ट्रस्ट, इन्दौर हार्दिक प्रसन्नता बधाई परम पूज्य परम श्रद्धेय, श्रमण संघीय सलाहकार मंत्री पूज्य गुरुदेव श्री सुमन मुनि जी म.सा. ठाणा-३ मुनिराजों के पावन चरणों में श्रद्धा पूर्वक नत- मस्तक होते हुए सर्वप्रथम, पू. गुरुदेव आप श्री जी के स्वास्थ्य की सुख-साता पूछती हूँ, आपश्री जी एवं सभी साधु मंडल सर्व प्रकार से आनन्द मंगल पूर्वक होंगे। __आशा है कि मेरा यह पत्र पहुँचने तक आप श्री जी “साधना का महायात्री प्रज्ञा महर्षि श्री सुमन मुनि” का लोकार्पण अत्यन्त सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ होगा। मेरी ओर से, परिवार की ओर से इस शुभ अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक वन्दन स्वीकार हो । विनय जैन राष्ट्रीय अध्यक्ष, महिला शाखा, श्वे.स्था.जैन कॉन्फ्रेंस, दिल्ली पूज्य गुरुदेव मुनि श्री सुमनकुमार जी 'श्रमण' म.सा. का सर्व प्रथम परिचय दौड्डबालापुर कर्नाटक चातुर्मास में हुआ। तब से अब तक बराबर सान्निध्य बना हुआ है और यह भी ज्ञात हुआ कि हमारे श्रमणसंघ में ऐसी-ऐसी विद्वान् महान् हस्तियाँ मौजूद हैं। हम पूज्य गुरुदेव श्री सुमन मुनि जी के दर्शनार्थ जब कभी भी जाते हैं तो मन प्रसन्नता से भर जाता है। यह जान कर भी मन को प्रसन्नता हुई कि पूज्य गुरुदेव श्री जी का ५०वां दीक्षा स्वर्ण जयन्ति महोत्सव टी. नगर मद्रास में मनाया जा रहा है और इस शुभ अवसर पर उनके सम्मानार्थ अभिनन्दन कार्यक्रम हो रहा है। सभी सकलेचा परिवार की ओर से तथा समस्त मल्लेश्वरम श्री संघ की ओर से मंगल कामनाएँ! भंवरलाल सकलेचा (पूर्व अध्यक्ष, अ.भा.श्वे.स्था. जैन कॉन्फ्रेस शाखा) अध्यक्ष, एस.एस. जैन संघ, मल्लेश्वरम, बैंगलोर, (कर्नाटक) २२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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