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________________ वंदन -अभिनंदन ! शान्ति का बिगुल बजाते है, सुख आत्मानन्द का पाते है, तूं भक्ति-भाव में सोए जा.... श्री संघ ने जितना लाभ लिया, उतना ही इनका हरसे जिया, तूं धर्मध्यान बढ़ाए जा.... चेन्नै में वर्षावास किया। त्यागराजनगर को धन्य किया। तूं सब के दिल में समाए जा.... गुरु चरणों में शीष झुकाते है, हम धन्य धन्य बन जाते है, तूं गीत सदा ही गाए जा.... लय : जय बोलो महावीर स्वामी की... पारसमल बाफणा बेंगलोर गुरु शुक्ल के चरणों में, ज्ञानार्जन कीना है। मोह-ममता तज करके, संयम पद लीना है। गुरु महेन्द्र मुनि जी का है, ये शिष्य कहलाया।। आसोज सुदी तेरस को, दीक्षा दिन आया है। उनपचास वर्षों तक जिन धर्म फैलाया है, कई ग्रामों, नगरों के भक्तों ने गुण गाया।। भावों के सुमनों को, श्रद्धा से स्वीकार करो। मैं जनम-जनम भटका, मेरी भव-बाधा हरो। गुरु गुण गाए जिसने, आनन्द ही आनन्द पाया। लय : बचपन की मोहब्बत को.... श्री मांगीलाल जांगड़ा बेंगलोर संयम की उज्ज्वल ज्योति सुमन-सौरभ दीक्षा का शुभ दिन ये, गुरु सुमन का है आया। जन-जन के मन में अति आनन्द है छाया।। गुरुदेव दयालु है, गुरुदेव कृपालु हैं। भक्तों के रखवाले, हम तेरे श्रद्धालु हैं। सुमन-सी सौरभ को, तुमने है प्रसराया।। गुरुवर के गुण गाओ, चरणों में झुक जाओ। अहंभाव को तज करके, आतम ज्ञान को पाओ। ग्रन्थों की गुत्थियों को, गुरुवर ने सुलझाया।। गुरुवर ने जन्म लिया, उन्नीस सौ छत्तीस मांही। वसंत पंचमी के दिन, ग्राम पांचूं के माही। पिता भीवराज प्यारे, माँ वीरांदे का जाया।। । जप-तप-संयम-ज्ञान की धारा यहाँ बह रही है यह तो बहती रहेगी। सुमन मुनि की आगम वाणी यहाँ बह रही है यह तो बहती रहेगी। सन् छत्तीस में, सुमनमुनि ने जन्म था पाया। सन् पचास में, संयम पथ को था अपनाया। संयम की उज्ज्वल ज्योति सदा जलती रहेगी... आगम के ज्ञाता है, ज्ञान का सागर है। संयम का तेरे अंदर, लहराता सागर है, तेरी महिमा अपरम्पार है यह तो सदा ही रहेगी. माम्बलम् पर तेरी कृपा है गुरुवर भारी। चरणों में बलिहारी है, जनता यह सारी। दीक्षा दिवस पर, गुण गा रहे है और गाते रहेंगे...। लय : सौ साल पहले हमें तुमसे... 0 श्री भीकमचन्द गादिया, टी. नगर, मद्रास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012027
Book TitleSumanmuni Padmamaharshi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadreshkumar Jain
PublisherSumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
Publication Year1999
Total Pages690
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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