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1-१६. पंडित जी से संबंधित संस्थायें : संपादन १-१७. पंडित जी के विविध रूप १-१८. पंडित जी के वर्तमान उद्गार १-१९. इतिहास के पृष्ठों से: बाबा गोकूल चंद्र जी १-२०. समाज की परमोपकारी सचेतन निधि १-२१. विनोदी सहयोगी का साधुवाद १-२२. विराट् महामानव
संकलित संकलित पत्राचार गणेश प्रसाद वर्णी पं० माणिकचंद्र चवरे पं० फूलचंद्र शास्त्री सिंघई धन्यकुमार जैन
१०२ १०३ १११ ११२ ११३ ११५ ११६
युवाचार्य महाप्रज्ञ स्वामी सत्यभक्त सौभाग्यमल जैन डा० श्रीरंजनसूरि देव डा० डी० सी० जैन डा० वि० जोहरापुरकर डा० करुणा जैन और डा० के० जन सोहन राज कोठारी
खण्ड २-धर्म और दर्शन : नवयुग २-१. सा विद्या या विमुक्तये २-२. जैन धर्म : प्राचीनता का गौरव और नवीनता की आशा २-३. श्रमण संस्कृति का विराट् दृष्टिकोण २-४. जैनधर्म में अहिंसा २-५. रिलेटिविज्म ऐंड इट्स प्रेक्टिस २-६. योगि प्रत्यक्ष और ज्योतिर्ज्ञान २-७. जैनधर्मः भारतीयों की दृष्टि में (अनु०) २-८. वर्तमान न्याय-व्यवस्था का आधार धार्मिक आचार संहिता २-९. एन एनेलिसिस ऐंड एवेलुयेशन आव ईस्टर्न ऐंड बेस्टर्न
फिलासोफिकल एप्रोचेज २-१०. मानवीय मूल्यों के ह्रास का यक्ष-प्रश्न-मानव २-११. आधुनिक युग और धर्म २-१२. धार्मिक परिप्रेक्ष्य में आज का श्रावक २-१३. जैन साधु और बीसवीं सदी २-१४. विदेशों में जैन धर्म का प्रचार-प्रसार २-१५. विदेशों में धार्मिक आस्था २-१६. जैन विद्याओं के कतिपय उपाधि-निरपेक्ष शोधकर्ता २-१७. आगम-तुल्य ग्रंथों की प्रामाणिकता का मूल्यांकन २-१८. सपादशतकद्वय परमात्मस्तोत्र खंड ३-ध्यान और योग ३-१. ध्यान का शास्त्रीय अध्ययन ३-२. ध्यान का वैज्ञानिक विवेचन ३-३. प्रेक्षा मेडीटेशन परसेप्शन आव साइकिक सेन्टर्स ३-४. लेश्या ध्यान ३-५. लेश्या द्वारा व्यक्तित्व रूपांतरण ३-६. बच्चों के लिये ध्यान योग का शिक्षण
प्रो० डोनाल्ड एच० विशप डा० रामजी सिंह डा० ह्वी० एन० सिन्हा डा० सुभाष कोठारी निर्मल आजाद डा० डी० के. जैन डा० महेन्द्र राजा जैन संकलित डा० एन० एल० जैन पं. माणिक चंद्र चवरे
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एन० एल० जैन डा० ए० कुमार मुनिश्री महेन्द्र कुमार युवाचार्य महाप्रज्ञ मुमुक्षु शांता जैन स्वामी शंकर देवानंद सरस्वती
११३ १२९ १४१ १४८ १५५ १६७
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