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किया जीवों का उद्धार है (तर्ज- मेरे अंगना में तुम्हारा-)
• माणकचन्द दुग्गड़, मुकटी (महा.) महासतियों में कनककंवरजी का बड़ा नाम है। अनछीबाई की सुपुत्री, बीजराज के जाये जिनके गुरु हजारी मल, उनका भी बड़ा नाम है अध्यात्म योगिनी, दमियों के सिरताज हैं॥१॥
जिनके कुल में जन्मे, उनका भी बड़ा नाम है
सुराणा जैसे कुल का, किया बेड़ा पार है॥२॥ जिनकी गुरुणी सरदार कुंवरजी, उनका भी बड़ा नाम है। आगमों का ज्ञान दिया, किया बेड़ा पार है॥३॥
राजस्थान मेवाड़ महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश ग्राम ग्राम विचरण कर किया जीवों का उद्धार है ॥४॥
महासती चम्पा कुंवर जी म. की वन्दना
• प्रहलाद नारायण वाजपेयी, उदयपुर (राज.) तप से तपाया तन, मन को किया है जय, एक वैराग्य किया जिनका अधार है।
कर्म का विरक्तता से नित्य क्षय होता रहा,
श्वास श्वास साधना से सत्य का सिंगार है। दिव्यता में भव्यता निहारती अलेप रही आत्म रूप आप का अपार आर पार है।
सतियों में महासती चम्पा है तपःस्वरूप कवि का प्रणाम नित्य जिन्हें बार बार है।
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