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शताब्दि नायक के हस्ताक्षर संवोधषकरण श्रीदरिनसूरिजीने लिखादैकिनो परियकारीश्रणाचारीपासवेदिकेपालीको श्योगतथाउपक्षानादिकियागुरुबुद्धिसेवदैविस कीसवाकयार्मिफलहेउलटा वायोगोपभानादि कीक्रियाकरलेवाली पायश्चित्तकेयाम्पत्या उसकोपायश्चितलेनावाहिये माथा। वंदनमस लाईजोगुवहाणाश्तपुरोविड़ियं गुरुवुझिएवि हलं सबंपबित्तनुगवाए३॥ मैनेतो धैसेयोकेश्रा गेयोगवदनेवालोकोकियासफलमानीथायद५ न्यूनता। भावायजपाथायरास्वविर३५वन्ति अगलियएपांचोपुरुषनिसगछमेंमहोवे सोगम्तो रपल्लीसमानदै सम्पतरूपरत्नकाहरनेवालासा गछदैऔरजयजीवाकोसंसारत्रमणकाहेत धैसेगछमेंसविक्तिसाकको एकमलमानी बसनानचाहियेानेकरसामान्यसाकावेपर वोलपांवोगएिनननदावेतो गहरबमेरदनाना है। गाथाजपवश्मे विनचिगणेसोजपल्लि सारिलो समत्तरयगदरणेनबाणनवज्ञमण सीलोएयतनमुत्तमित्तं वसियवंरूविहि एहिंसाजिश्सामात्ममुणिलोनलिए तनवरंगेहाए६॥ नगाथाथानुसारमनदीव लसक्ताहंत्रौरतपगछादिगछोकेसाफयाको वारपल्लीसमागछौरसाकयोंकवोरासमा ननदीमानताई यदन्यूनताहै
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