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AUKTEP
समर्पण
जिनके दिव्य ज्ञानालोकने . हजारों हदयों का अवकार दूर किया, जिनकी जोधाणीने,
हजारों हजार पतितों का उध्दार लिया, जिनकी अनंतकरणाने,
लाखों जीवों को अभय-ज्ञान दिया, उन अदा-संयम-सत्य-शील-प्रज्ञाके
साळार-पुरुष,
जैन दिवाकर लावल्लल साम्टव
महा सविनयरालि...
-क्लबुद्धि
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