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शुभकामना
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के सहायक निजी सचिव
भारत नई दिल्ली-११००११
८ जून, १९७८ प्रिय महोदय,
आपका दिनांक २२ मई का पत्र माननीय स्वास्थ्य मन्त्री महोदय के नाम प्राप्त हुआ । प्रसिद्ध जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज के जन्म शताब्दी वर्ष पर आपके द्वारा आयोजित होने वाले समाज-सेवी कार्यों एवं स्मृतिग्रन्थ प्रकाशन के बारे में जानकर माननीय मंत्री जी को प्रसन्नता हुई। आपके आयोजन एवं स्मृतिग्रन्थ अपने उद्देश्य में सफल हों इस हेतु माननीय मंत्री जी अपनी शुभकामनायें प्रेषित करते हैं।
भवदीय (राजीव उपाध्याय)
वीरेन्द्रकुमार सखलेचा
भोपाल मुख्य मंत्री
दिनांक : २२ जून, १९७८ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज प्रसिद्ध सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज की जन्म शताब्दी मना रहा है। __ श्री चौथमलजी महाराज ने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष किया तथा सदाचार के प्रचार द्वारा एक नई लहर पैदा की थी। वह एकता तथा विश्व बन्धुत्व के सबल प्रवक्ता थे। ___ मैं आशा करता हूँ कि उनकी जन्म शताब्दी के आयोजन तथा स्मृति-ग्रन्थ के प्रकाशन से उनके अनुकरणीय कार्यों पर प्रकाश पड़ेगा तथा लोगों को समाज-सुधार के कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मैं इस आयोजन की सफलता की कामना करता हूँ।
(वीरेन्द्रकुमार सखलेचा)
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