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: १६५ : ऐतिहासिक दस्तावेज
श्री जैन दिवाकर स्मृति ग्रन्थ
॥ श्री एकलिंगजी ||
॥ श्रीरामजी ।।
श्रीमान् जैन दिवाकर स्वामिजी महाराज श्री चौथमलजी महाराज की सेवा में । आज आप कृपा करके घटावली पधारे और धर्मोपदेश सुनाया इससे हम बहुत प्रसन्न हुए व इसी सिलसिले में आपकी जानिब से मिति पौष विदि १० श्रीपार्श्वनाथ भगवान का जन्म दिन होने से और चैत्र सुदि १३ श्री महावीर स्वामी का जन्म दिन होने से दोनों दिन किसी किस्म की हिंसा न होगी और अगता रक्खाया जायगा। लिहाजा यह पट्टा सेवा में पेश है । सं० १९९६ मंत्र सूदि ७ ता० १४-४-४०
(द० ) जगमालका ठिकाना घटावली मैं
॥ श्री एकलिंगजी ॥ श्री रामजी ।।
८० लालखों का भालोट
सिद्धश्री ठाकुर साहब श्री लालखानजी श्री कुंवर साहब सुलतानखाँजी गाँव मालोट रियासत उदयपुर का बचनात नीचे लिखी कलमवार हरसाल के वास्ते है ।
जैन सम्प्रदाय के जैन दिवाकर प्रसिद्धवक्ता श्री चौथमलजी महाराज सुदि ६ शुक्रवार सं० १९९६ तदनुसार तारीख १५ मार्च सन् १९४० ई० व्याख्यान में ६ बजे पट्टा भेंट किया नीचे मुजब ।
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(१) मेरा गाँव में पधारवो वेगा जीदिन अगतो पारागा जावेगा ।
(२) दो ग्यारस एक अमावस महिना में तीन दिन गाड़ी चलावागा नहीं ।
(३) मारा जीवसुं कोई शिकार कर जानवर मारूँ नहीं और को भी मारने के लिए कहूंगा नहीं।
( ४ ) और महिना में दो ग्यारस एक अमावस मारा हिम में जीव हिंसा होवा देवागा नहीं ।
(५) पजूसण व श्राद्ध में कोई जीव हिंसा होवा देवागा नहीं गाँव में ।
(६) गाँव में नोरता में कोई बलिदान देवता के देवागा नहीं ।
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(७) मारा जीव के वास्ते चवदस आठम कोई लिलोती हरि वस्तु खाऊँगा नहीं ।
(८) मारा जीवसुं श्रावण महिना में कोई शिकार खाऊँगा नहीं ।
(e) पौष विदि १० चैत्र सुदि १३ दोई दिन मारा गांव में जीव हिंसा होवा देवागा नहीं ।
का आज दिन फागुन को गाँव विनोते में
ऊपर लिखी कलम नोई नजर कीधी सो मुं और मारी बस्ती का कुल इण पर पाबन्दी से रहेगा । संवत् १९६६ फागुन सुदि ६ ।
द० नानालाल बोड़वत का ठाकुर साहब लालखानजी साहब व गाँव का
पटेल पंचाका केवासुं लिखा ।
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