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शुभकामना
उपराष्ट्रपति, भारत
नई दिल्ली
मई २६, १९७८ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप इस वर्ष अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज के सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज का जन्म शताब्दी वर्ष मना रहे हैं और उनकी स्मृति में एक स्मृति-ग्रन्थ भी प्रकाशित करने का निश्चय किया गया है। मैं आपके इस आयोजन एवं स्मृति-ग्रन्थ की सफलता के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ भेजता हूँ।
आपका ब० वा. जत्ती (उपराष्ट्रपति, भारत)
राज भवन
लखनऊ
मई ३१, १९७८ मुझे यह जानकर अत्यन्त हर्ष हुआ है कि सर्व अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन समाज सुप्रसिद्ध सन्त जैन दिवाकर श्री चौथमलजी महाराज का जन्मशताब्दी वर्ष सम्पन्न करने जा रहा है।
आध्यात्मिकता भारतीय राष्ट्र की प्राण शक्ति है जिसने देश और काल की चुनौतियों के अनुरूप कलेवर बदलते हुए समाज को जीवन्त बनाया है । अतः प्रत्येक आध्यात्मिक गुरु तथा सन्त के व्यक्तित्व व कृतित्व को द्वार-द्वार तक पहुँचाना राष्ट्र की अनुपम सेवा है। उत्सव की सफलता के लिए मैं हार्दिक शुभकामनायें भेजता हूँ।
ग० दे० तपासे (राज्यपाल, उत्तर प्रदेश)
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