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एक लब्धप्रतिष्ठ विद्वान्
• सरसेठ भागचन्द सोनी, अजमेर
जैन विद्वान् वास्तवमें जैन समाजकी निधि हैं और वर्तमान सन्दर्भ में समाजके लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानोंकी श्रृंखला में श्री कोठियाजी अभिनन्दनीय हैं ।
जैन दर्शनके प्रमुख विद्वान्
• साहु श्रेयांसप्रसाद जैन, बम्बई
डा० दरबारीलाल कोठिया दिगम्बर जैन समाजके विद्वानोंकी पंक्ति में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं । भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् के अध्यक्ष के रूपमें और श्री गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला के मन्त्रीके रूप में उन्होंने समाजकी जो सेवा की है, वह पूरी समाजपर उनका उपकार है ।
डा० कोठिया अभिनन्दन ग्रन्थका प्रकाशन करके समाज उनकी सेवाओंके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहती है, यह जानकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हुई । विद्वानों का सम्मान वास्तवमें ज्ञान और निष्ठाका सम्मान है । डा० कोठियाजीके लिए स्वास्थ्य और दीर्घायुको कामना करते हुए मैं अभिनन्दन समारोहकी सफलता की कामना करता हूँ ।
सेवाएँ अनुपम
सेठ हरकचन्द, राँची
न्यायाचार्य डा० दरबारीलालजी कोठिया जैन जैन समाज एवं साहित्यको की गई सेवायें अनुपम हैं। विद्वत्तापूर्ण भाषणों द्वारा जैन समाजमें जो ज्ञान ज्योति इतिहास में चिरकाल तक स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा ।
समाजके जाने-माने प्रकांड विद्वान् हैं । आपके द्वारा इसके साथ ही आपने अध्यापन, ग्रंथलेखन एवं अपने जलाई एवं धर्मका प्रचार किया, वह जैन समाज के
जैन न्यायके अनेक ग्रंथोंका निर्माण आपने किया, जैन समाजको पपौरा, दिल्ली, मेरठ, बनारस आदि नगरों में स्थित संस्थाओं में सेवाकार्य किया, अनेक संस्थाओं के मंत्री, अध्यक्ष आदि पदोंको आपने सुशोभित किया । समय-समयपर विभिन्न नगरोंमें न्यायरत्नाकर, न्यायवाचस्पति, न्यायालंकार आदिको उपाधियाँ आपको प्रदान की गईं। ये भी कार्य आपकी स्पष्ट ही अगाध विद्वत्ताके परिचायक हैं ।
मैं उनके इस अभिनन्दन के अवसरपर उनके दीर्घायुष्य, गौरव एवं समृद्धिपूर्ण जीवन हेतु श्री वीर प्रभुसे मंगल कामना करता हूँ ।
साहित्य - साधना के लिए समर्पित जीवन
• श्री निर्मलकुमार सेठी, लखनऊ
न्याय व दर्शनके प्रकाण्ड पंडित डा० दरबारीलाल कोठिया उन इने-गिने साहित्य मनीषियोंमेंसे हैं, जिनपर जैन साजको गर्व है । उनका पूरा जीवन ही साहित्य साधनाको अर्पित रहा । इनका सरल, स्नेहिल स्वभाव तथा सौम्य आकृति में ऐसा आकर्षण है कि जो एक बार सम्पर्क में आ जाता है उससे सदाका नाता जुड़ जाता है ।
मुझे हर्ष है कि आप डा० कोठियाका अभिनन्दग्रन्थ प्रकाशित कर रहे हैं । इनके अभिनन्दनसे जैन जगतके सभी मनीषियोंका अभिनन्दन है । मैं डा० कोठियाके दीर्घ जीवनकी कामना करता हूँ ।
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