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९. अर्थाधिगम-चिन्तन १०. ज्ञापकतत्त्व-विमर्श ११. ध्यान-विमर्श
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न्याय १. भारतीय वाङ्मयमें अनुमान-विचार २. न्याय-विद्यामृत चतुर्थ खण्ड
इतिहास और साहित्य १. स्याद्वाद और वादीभसिंह २. द्रव्यसंग्रह और नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव ३. शासन-चतुस्थिशिका और मदनकीर्ति ४. 'संजद' पदके सम्बन्धमें अकलंकदेवका महत्त्वपूर्ण अभिमत ५. ९३वें सूत्रमें 'संजद' पदका सद्भाव ६. नियमसारका ५३ वीं गाथा और उसकी व्याख्या एवं अर्थपर अनुचिन्तन ७. अनुसंधानमें पूर्वाग्रहमुक्ति आवश्यक : कुछ प्रश्न और समाधान ८. गुणचन्द्र मुनि कौन हैं ? ९. कौन-सा कुण्डलगिरि सिद्धक्षेत्र है ? १०. गजपंथ तीर्थक्षेत्रका एक अतिप्राचीन उल्लेख ११. अनुसन्धानविषयक महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर १२. आचार्य कुन्दकुन्द १३. आचार्य गृच्छपिच्छ १४. आचार्य समन्तभद्र
३७५ ३७९ ३९६ ३९८ ४०२ ४०४ ४११ ४१६ ४१८
पंचम खण्डे
विविध
४२३ ४२८ ४३५ ४४१ ४५१
१. विहारकी महान् देन : तीर्थंकर महावीर और इन्द्रभूति २, विद्वान् और समाज ३. हमारे सांस्कृतिक गौरवका प्रतीक : अहार ४. आचार्य शान्तिसागरजीका समाधिमरण ५. आदर्श तपस्वी आचार्य नमिसागर ६. पूज्य वर्णीजी : महत्त्वपूर्ण संस्मरण ७. प्रतिभामूर्ति पं० टोडरमल ८. श्रुतपञ्चमी ९. जम्बू-जिनाष्टकम् १०. दशलक्षण पर्व ११. क्षमावाणी : क्षमापर्व
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४६० ४६२ ४६५
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