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( जैन आचार संहिता जैन साहित्य में क्षत्र-गणित
मालवकेसरीमनि श्री सौभाग्यमलजी ४०४ डा. मुकुट बिहारीलाल अग्रवाल
चतुर्थ-खण्ड
।
प्राकृत भाषा और साहित्य प्राकृतभाषा: उद्गम, विकास मुनि श्री नगराजजी डी० लिट्
और भेद-प्रभेद पाइअ-भासा
श्री चन्दनमुनि प्राकृत तथा अर्धमागधी में
प्रो. एस. एस. फिसके अन्तर और ऐक्य प्राकृत भाषा का व्याकरण परिवार
महासती श्री धर्मशीला एम. ए. प्राकृत-वाड्-मय में शब्दालंकार
डॉ. रुद्रदेवत्रिपाठी, आचार्य प्राकृत साहित्य की विविधता और
श्री अगरचन्द नाहटा विशालता अक्षरविज्ञानः एक अनुशीलन मुनि श्री मोहनलाल ‘सुजान' अपभ्रश में वाक्य-संरचना के सांचे डॉ. के. के. शर्मा राजस्थानी भाषा में प्राकृत-अपभ्रश डा. प्रेमसुमन जैन
के प्रयोग विक्रमोर्वशीय नाटक के चतुर्थ अंक के डॉ. राजाराम जैन प्राकृत अपभ्रश पद्यों का मूल्यांकन प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार में
श्री बदरीनारायण शुक्ल आचार्य श्री का योगदान
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