________________
mandaramate-Crgadaa..
.
.......
.
...
....
-ARANASALARBADA
una
SVIH
श्राआनन्द
श्रीआनन्द अन्य
५४
प्राकृत भाषा और साहित्य
(१६) प्राकृतबोध-नरचन्द्र । (१७) प्राकृतचन्द्रिका-कृष्णपंडित (शेषकृष्ण) (१८) प्राकृतचन्द्रिका-वामनाचार्य । (१६) प्राकृतदीपिका-चण्डिवर शर्मा। (२०) प्राकृतानन्द - रघुनाथ शर्मा । (२१) प्राकृत प्रदीपिका-नरसिंह । (२२) प्राकृतमणिदीपिका-चिन्नवोम्म भूपाल । (२३) प्राकृतमणिदीप-अप्पयज्वन् । (२४) षड्भाषारूपमालिका-दुर्गुणाचार्य । (२५) षड्भाषाचन्द्रिका-भामकवि । (२६) षडभाषासुबंतादर्श-श्री नागोबा । (२७) षड्भाषावातिक.............. (२८) षड्भाषामंजरी............. (२६) प्राकृतव्याकरण- शुभचन्द्र । (३०) प्राकृत-मार्गोपदेशिका-पं० बेचरदास जी । (३१) औदार्य चिन्तामणि-श्री श्रुतसागर । (३२) प्राकृतव्याकरण- श्री भोज ।
B6M
1STAN
JALAND
U
UPL
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org