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CROMACREDI
मुनि श्री रोशनलालजी [स्वर्गीय श्री छगनलाल जी महाराज के शिष्य
आचार्य श्री का अनुपम जीवन
मुझे यह जानकर अत्यन्त हर्ष हुआ कि प्रातःस्मरणीय आचार्य-सम्राट् श्री श्री १००८ श्री आनन्द ऋपि जी महाराज साहब का अभिनन्दन करने के लिये चतुर्विध संघ की ओर से एक अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित हो रहा है। ऐसी महान् आत्माओं का गुणानुवाद संघ की तरफ से होना ही चाहिये । मुझे आचार्यश्री के दर्शनों का सौभाग्य माछीवाड़ा पंजाब में प्राप्त हुआ। उस समय आचार्यश्री लुधियाना का चातुर्मास समाप्त कर आराध्य गुरुदेव स्वर्गीय स्वामी श्री छगनलाल जी महाराज साहब से मिलने पधारे थे । आप में जो विशेषताएँ देखीं, वे निम्नोक्त हैंनम्र एवं सरल प्रकृति
आचार्यश्री का जैसा नाम है, वैसे ही गुण भी हैं। आपथी के दर्शन करके मन अत्यन्त आनन्दमग्न हो गया। आप श्री प्रकृति से अत्यन्त सरल एवं नम्र हैं। आप श्री क्षमा के तो मानो अवतार ही हैं । आप श्री हर समय प्रसन्न मुद्रा में ही दिखाई पड़ते हैं।
आचार्य श्री के मुखारविंद से चार दिन तक वाणी सुनने का भी सौभाग्य मिला । आपथी की व्याख्यान शैली अत्यन्त रोचक एवं सरल है। आपश्री जहाँ पधारते है, वहां कि प्रान्तीय भाषा में ही व्याख्यान फरमाते हैं । जिससे प्रत्येक व्यक्ति सुनकर प्रसन्न हो जाते हैं । ज्ञान के भंडार
आचार्यश्री ज्ञान के तो मानो भंडार ही हैं। आपश्री का संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, हिन्दी, मराठी एवं अंग्रेजी आदि भाषाओं पर पूर्णरूप से अधिकार है। आपथी को कई जैनागम, हजारों संस्कृत के श्लोक, दोहे, सवैये आदि मौखिक स्मरण हैं। आपश्री ने अपने साधनामय जीवन के अनुभवों द्वारा बहुत सी ज्ञानवर्धक एवं शिक्षाप्रद पुस्तकों का लेखन संकलन भी किया है।
आपथी का जीवन साधनामय है। करीब ७५ वर्ष की आयु होने पर भी ज्ञान, ध्यान, जप, तप एवं स्वाध्याय में ही रात दिन तल्लीन रहते हैं । “समयं गोयम मा पमायए" महावीर भगवान् की इस उक्ति को आप श्री ने पूर्णरूप से चरितार्थ करके दिखाया।
आगमों में आचार्य के जो गुण वर्णन किये गये हैं, वह सब आपश्री में विद्यमान है। आपके गुणों का वर्णन करना मानो सूर्य को दीपक दिखाने के समान है, जिस व्यक्ति ने एक बार आपके दर्शन किये, वह आपश्री के साधनामय जीवन से प्रभावित हो ही जाता है। आपश्री जैसे आचार्य देव की आज के युग में अति आवश्यकता है। इसलिये शासन देव से प्रार्थना करते हैं कि हमारे आचार्य देव चिरायु बनें तथा चतविध संघ आपश्री की छत्रछाया में सुदृढ़ बने और आपथी जनता को मार्ग दर्शाते रहें। यही हमारी कामना है।
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