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संदेश
डा० प्रताप चन्द्र चन्द्र
शिक्षामन्त्री, भारत EDUCATION MINISTER
INDIA नई दिल्ली 17 मार्च 1978
भारत योग तथा दर्शन की तपोभूमि अति प्राचीनकाल से रहा है । विश्व के महानतम् योगियों तथा दार्शनिकों में भारत का नाम प्रमुख है । आज के वैज्ञानिक युग में भी योगीराज अरविन्द, स्वामी विवेकानन्द तथा स्वामी दयानन्द सरस्वती भारत में हुए हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में भारत की गौरवशाली परम्परा को बनाए रखा है।
न केवल राजस्थान अपितु पूरे देश के महान योगी श्री पुष्करमुनि के ५४वें जन्म दिवस पर मैं भी उनके चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ तथा इस अवसर पर होने वाले आयोजन की सफलता की कामना करता हूँ।
प्रताप चन्द्र चन्द्र
नैनान अब्रहाम कुलपति (कानपुर विश्वविद्यालय)
कल्यानपुर, कानपुर २ दिसम्बर, १९७७
प्रिय मालवणिया जी,
आपका दिनांक १६-११-७७ का पत्र प्राप्त हुआ, धन्यवाद ।
यह जानकर हर्ष हुआ कि “अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति" के माध्यम से राजस्थानकेसरी, अध्यात्मयोगी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि महाराज की यशस्वी साधना के ५४ वर्ष सम्पन्न होने के पावन प्रसंग पर उनका सादर अभिनन्दन होने जा रहा है।
ऐसे महान कर्मयोगी के लिए मैं अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ तथा आशा करता हूँ कि हमारे राष्ट्र को आप द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ से एक नई दिशा प्राप्त होगी।
समस्त मंगल कामनाओं के साथ
भवन्निष्ठ (ह०) नैनान अब्रहाम
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