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व्यक्तित्व और कृतित्व ]
धम्मो धम्मो जो सो समोत्ति निद्दिट्ठो ।
चारितं खलु मोहक्खोह - विहीणी परिणामो, अध्पणो हु समो ॥
श्री अमृतचन्द्राचार्य कृत टीका - स्वरूपे चरणं चारित्रम्, स्वसमयप्रवृत्तिरित्यर्थः । तदेव वस्तुस्वभावत्वाद्धर्मः शुद्धचैतन्य प्रकाशनमित्यर्थः । तदेव च यथावस्थितात्मगुणत्वात्साम्यम् । साम्यं तु दर्शनचारित्रमोहनीयोदयापादितसमस्त मोहक्षोभाभावावत्यन्त निर्विकारो जीवस्य परिणामः ।
यहाँ यह बतलाया गया है कि दर्शनमोहनीय और चारित्रमोहनीयकर्मोदय से मोह-क्षोभ उत्पन्न होते हैं । दर्शनमोहनीय और चारित्रमोहनीय कर्मोदय के प्रभाव में मोह और क्षोभ का भी प्रभाव हो जाता है । मोह-क्षोभ के अभाव हो जानेपर जीव का जो अत्यन्त निर्विकारपरिणाम होता है वह स्वरूप में रमणरूप चारित्र अर्थात् स्वरूपाचरणचारित्र है |
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चारित्रमोहनीय कर्मोदय का अभाव उपशांतमोहादि गुणस्थानों में होता है अतः उन्हीं गुणस्थानों में स्वरूपाचरणचारित्र होता है उपशांतमोह से नीचे के गुणस्थानों में स्वरूपाचरण नहीं होता है । स्वरूपाचरण चारित्रगुण की शुद्धपर्याय है, अतः यह जीव की सब अवस्थानों में नहीं पाई जाती । पर्याय क्रमवर्ती होती है, वह व्यापक नहीं हो सकती, वह तो ध्याप्य होती है । गुण या द्रव्य व्यापक होता है ।
- जै, ग. 12-7-74 / VII / रो. ला. मित्तल
निश्चयोचित चारित्र का अर्थ सम्यक्त्वाचरण चारित्र है
शंका-उपासकाध्ययन की गाथा २४२ का अर्थ करते हुए भी पं० कैलाशचन्दजी ने 'निश्चयोचितचारित्रः ' का अर्थ स्वरूपाचरणचारित्र किया है किन्तु फुट नोट (Foot Note ) में उसका अर्थ 'अव्रतोऽपि योग्यचारित्रः ' किया गया है । निश्चयोचितचारित्र का क्या अभिप्राय है ?
समाधान- इस विषय को समझने के लिये श्री कुन्दकुन्द आचार्य द्वारा विरचित चारित्रपाहुड़ व प्रवचनसार का आश्रय लेना होगा । श्री कुन्दकुन्द आचार्य ने सम्यक्त्वाचरणचारित्र और संयमाचरणचारित्र, ऐसे दो प्रकार के चारित्र का कथन चारित्रपाहुड़ में किया है, जो इस प्रकार है
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जिणणाणदिट्टिसुद्ध पढमं सम्मत्तचरण-चारितं ।
विदियं संजमचरणं जिणणाण संदेसियं तं पि ॥ ५॥
संस्कृत टीका - जिनस्य सर्वज्ञवीतरागस्य सम्बन्धि यज्ज्ञानं दृष्टिदर्शनं च ताभ्यां शुद्ध पञ्चविंशतिदोषरहितं प्रथमं तावदेकं सम्यक्त्वाचरणचारित्रं भवति । द्वितीयं संयमाचरणं चारित्राचारलक्षणं चारित्रं भवति । जिनस्य सम्बन्धि यत्सम्यग्ज्ञानं तेन सम्देशितं निरूपितं तदपि चारित्रं भवति । उक्तञ्च -
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