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२०४० वैशाख कृष्णा ७ दिनांक ४ मई १९८३ को आचार्यसम्राट् पू. श्री आनन्द ऋषि जी म. से दीक्षा ग्रहण की।
आपने घाटकोपर (बम्बई) श्रमणी विद्यापीठ के चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूर्ण किया। शास्त्रों एवं थोकड़ों का अध्ययन किया। आप अच्छी प्रवचनकार हैं। आपका विचरण महाराष्ट्र में हुआ और हो रहा है।
साध्वी श्री अनुपमा जी म. बी. ए.
आपका जन्म संवत् २०२४ वैशाख कृष्णा २ दिनांक १५ अप्रैल १९६८ को राजस्थान के अजमेर जिले के गाँव जामोला में हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् नौरतमल जी बौहरा और माताजी का नाम श्रीमती सोहनबाई है। आपने श्रद्धेय श्री राजेन्द्र मुनिजी म. को गुरु बनाकर महासती श्री दिव्यप्रभाजी म. के पास संवत् २०४० माघ शुक्ला त्रयोदशी दिनांक १५ फरवरी, १९८३ को अजमेर जिले के किशनगढ़ में उपाध्याय पूज्य गुरुदेवश्री पुष्कर मुनिजी म. के मुखारविन्द से दीक्षा ग्रहण की।
आपने जैन सिद्धान्त के बोलचाल और थोकड़ों का अध्ययन किया। "दीक्षा ज्योति" नामक एक पुस्तक आपकी प्रकाशित हुई है। आपकी सांसारिक संबंध की बहिन श्री निरुपमा जी ने भी दीक्षा ली है । आपने राजस्थान में विचरण किया है और कर रही है।
श्री धर्मज्योति जी म.
आपका जन्म मारवाड़ प्रान्त के बाड़मेर जिले के गाँव खण्डप में वि. सं. २०२४ माघ शुक्ला १२ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् चम्पालाल जी विनायकिया और माताजी का नाम श्रीमती बदामबाई विनायकिया है। आपने उपाध्यायप्रवर श्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर स्वाध्याय संघ की संप्रेरिका श्री चंदनबाला जी म. के पास संवत् २०४१ वैशाख कृष्णा ५ दिनांक २० अप्रैल १९८५ को खण्डप (बाड़मेर) में दीक्षा ग्रहण की।
आपको सामान्य बोलचाल और थोकड़ों का ज्ञान है। मारवाड़ मेवाड़ में विचरण हुआ है। आपने सिद्धान्त विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की है।
साध्वी श्री प्रतिभा जी म.
आपका जन्म जयपुर (राजस्थान) में संवत् २०२८ भाद्रपद कृष्णा ३ दिनांक १५ अगस्त १९७१ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् झंवरलाल जी झांबक (जैन) और माताजी का नाम श्रीमती किरणदेवी झांबक (जैन) है।
आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर महासती श्री चारित्र प्रभा जी म. के पास संवत् २०४१ मगसर
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उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि स्मृति ग्रन्थ
सुदी १० दिनांक २ दिसम्बर १९८४ को दिल्ली में दीक्षा धारण की।
आपने हाईस्कूल साहित्यरत्न तक का व्यावहारिक शिक्षण लिया। जैन सिद्धान्त विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। हिन्दी और संस्कृत का अध्ययन किया। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अपनी गुरुणी जी के साथ विचरण किया।
साध्वी श्री सुलक्षणप्रभा जी म.
आपका जन्म उदयपुर जिले के कराई गाँव में विक्रम संवत् २०२३ कार्तिक शुक्ला ८ दिनांक १३ नवम्बर १९६६ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् पूनमचंद जी तेजपाल जी बागरेचा और माताजी का नाम सी सुन्दरबाई पूनमचंद जी वागरेचा है। आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को अपना गुरु बनाया और महासती श्री कौशल्याकुमारी जी म. के पास सं. २०४१ फाल्गुन सुदी ९ दिनांक १ मार्च १९८५ को अहमदनगर में दीक्षा धारण की।
आपने ८वीं कक्षा तक व्यावहारिक शिक्षण लिया तथा पाथर्डी बोर्ड से जैन सिद्धान्त प्रभाकर परीक्षा उत्तीर्ण की। आप अध्ययनशीला, सेवाभावी, संगीत प्रेमी और शान्तस्वभावी हैं। महाराष्ट्र में विचरण कर रही हैं।
श्री सुप्रभा जी म.
आपका जन्म कर्नाटक प्रान्त के बैंगलोर शहर में हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् चंपालाल जी और माताजी का नाम श्रीमती मांगीबाई है।
आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाया और साध्वीरल श्री पुष्पवती जी म. महासती श्री प्रियदर्शनाजी म. के पास दिनांक १९ जनवरी १९८४ को मदनगंज में दीक्षा ग्रहण की।
आपने दशवैकालिक, सुखविपाक, नन्दी आदि सूत्रों की स्वाध्ययाय की है। अनेक थोकड़े कंठस्थ किये हैं। आपने जैन सिद्धान्त प्रभाकर परीक्षा पास की है।
आपने राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में विचरण किया।
श्री मंगलज्योति जी म.
आपका जन्म मारवाड़ प्रान्त के जोधपुर जिले के अन्तर्गत दुन्दाड़ा गाँव (जो आपका ननिहाल है) में वि. सं. २०२२ कार्तिक कृष्णा अष्टमी को हुआ। आपके पिताजी का नाम श्रीमान् लालचंद जी सा. लूंकड़ और माताजी का नाम श्रीमती रेशमबाई लूंकड है।
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