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} इतिहास की अमर बेल
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श्री रत्नज्योति जी म.
है। आपकी एक पुस्तक प्रकाशित हुई है। "गीतों की गरिमा"।
आपकी प्रवचन कला अच्छी है। आपका जन्म संवत् २०१९ कार्तिक शुक्ला १४ दिनांक १० नवम्बर १९६२ को महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के गाँव
आपने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में विचरण जयसिंगपुर में हुआ। आपके पिताश्री का नाम गुलाबचंद की
किया है। बरड़िया और माताजी का नाम श्रीमती आनंदीबाई बरड़िया है।
श्री नयन ज्योति जी म. आपने परम श्रद्धेय उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु
आपका जन्म मेवाड़ की राजधानी उदयपुर नगर में ५ जुलाई बनाकर परम विदुषी साध्वी रत्न महासतीश्री पुष्पवती जी म. के
१९६२ को हुआ। आपके पिताजी का नाम श्रीमान् चन्दनमल जी पास संवत् २०३७ वैशाख शुक्ला पूर्णिमा दिनांक ३० अप्रैल
सोलंकी और माताजी का नाम श्रीमती कमलादेवी है। आपने १९८० को उदयपुर में दीक्षा धारण की।
उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर परम विदुषी आपने बी. ए. द्वितीय वर्ष का तक का व्यावहारिक शिक्षण महासतीश्री विमलवती जी म. के पास बाड़मेर जिले के गढ़सिवाना लिया और तिलोकरत्न धार्मिक परीक्षा बोर्ड पाथर्डी की सर्वोत्तम 1 में संवत् २०३८ ज्येष्ठ चतुर्दशी दिनांक ५ जून १९८२ को दीक्षा परीक्षा "जैन सिद्धान्ताचार्य" उत्तीर्ण की। आपको अनेकों थोकड़े ग्रहण की। कंठस्थ हैं तथा हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, कन्नड़, अंग्रेजी का
आपने हिन्दी, गुजराती, मराठी, भाषाओं का अध्ययन किया। अच्छा अभ्यास है। आपका प्रवचन श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर देता आपने साहित्य विशारद परीक्षा उत्तीर्ण की। नन्दीसूत्र, अन्तगड़सूत्र, है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रदेशों में विचरण
उपासकदशांग, सुखविपाक, कल्पसूत्र आदि आगमों का वाचन
Joes000 किया है। किया।
Pat श्री रुचिका जी म. एम. ए. बी. एड.
आपने राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र प्रान्त में विचरण
किया है। आपका जन्म जन्मू काश्मीर के जिला जम्मू में संवत् २०१६ श्रावण शुक्ला ६, दिनांक ८ अगस्त १९५९ को हुआ। आपके
साध्वी श्री स्नेहप्रभा जी म. पिताश्री का नाम श्रीमान् मनीराम जी आनन्द और माताजी का
आपका जन्म महाराष्ट्र के पूना जिले के गाँव घोड़नदी में संवत् नाम श्रीमती राजदेवी आनन्द है। आपने उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी
२०२५ कार्तिक शुक्ला नवमी दिनांक २९ अक्टूबर १९६८ को म. को गुरु बनाकर महासती श्री चारित्रप्रभा जी म. के सान्निध्य में
हुआ। आपके पिताश्री का नाम श्रीमान् ताराचंद जी अमोलकचंद जी संवत् २०३७ वैशाखी पूर्णिमा दिनांक ३० अप्रैल, १९८० को । गादिया और माताजी का नाम सौ. सूरजबाई ताराचंदजी गादिया है। दीक्षा अंगीकार की। आपका दीक्षा महोत्सव उत्तर प्रदेश के कांधला (मुजफ्फरनगर) में संपन्न हुआ। आपका व्यावहारिक शिक्षण
आपने सद्गुरुवर्यश्री पुष्कर मुनिजी म. को अपना गुरुदेव एम. ए. बी. एड. तक हुआ, हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत और जैन
बनाया और महासती श्री कौशल्याकुंवर जी म. के पास संवत् सिद्धान्तों का आपने अच्छा अभ्यास किया। जैन सिद्धान्त विशारद
२०३९ वैशाख सुदी ७ दिनांक ४ मई १९८३ को अहमदनगर में
दीक्षा अंगीकार की। परीक्षा उत्तीर्ण की। राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में विचरण हुआ है।
आपने ११वीं कक्षा तक व्यावहारिक शिक्षण लिया। श्री धार्मिक
परीक्षा बोर्ड पाथर्डी की जैन सिद्धान्त शास्त्री परीक्षा उत्तीर्ण की। साध्वी श्री गरिमा जी म. एम. ए. आपने महाराष्ट्र प्रान्त में विचरण किया है।
1080P आपका जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ। आपके पिता जी का नाम श्रीमान् तुलाराम जी और माताजी का नाम श्रीमती
साध्वी श्री संयम प्रभा जी म. रमादेवी जी है। आपका जन्म १५ अप्रैल, १९६३ को हुआ। आपने
आपका जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गाँव कासमपुरा में उपाध्यायश्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाया और परम विदुषी दिनांक ४ फरवरी १९६२ को हुआ। आपके पिताश्री का नाम महासती श्री कुसुमवती जी म. के पास दिनांक ३० अप्रैल १९८० श्रीमान् शोभाचन्द जी सुराणा और माताजी का नाम श्रीमती को मुजफ्फरनगर जिले के गाँव कांधला में दीक्षा ग्रहण की। शांताबाई सुराणा है।
आपने एम. ए. तक का शिक्षण लिया है। संस्कृत, प्राकृत और आपने उपाध्यायप्रवर श्री पुष्कर मुनिजी म. को गुरु बनाकर हिन्दी में अच्छी योग्यता प्राप्त की है। जैन सिद्धान्तों का ज्ञान किया । पू. महासती श्री कौशल्या कुमारी जी म. के पास अहमदनगर में सं. पाण्यावरण्डारण र
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