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। वाग् देवता का दिव्य रूप
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वृद्धानुगामी
विभिन्न स्थानों की प्रसिद्ध वस्तुएँ)
"सुरत नी धारी अनें डाकोर ना गोटा भला, बडौदा नो चेवडा ने, सहु जण खाय छ।
खंभात नी सुतरफेणी, वसई ना केला सारा,
नागपुर ना संतरा पान पुना ना केवाय छ। मुम्बईनो हलवो सारो, इडली डोसा मद्रास ना, वलसाड नी केरी खाई, मन खुश थाय छ।
पेटलाद नो पपैयो रू, गोल कोलापुर केरो, 'पुष्कर' कहे मानव, क्यां नो वखणाय छे।।।।
(तर्ज-जय बोलो महावीर स्वामी की) वृद्धों का नित अनुसरण करे। शुभ-कीर्ति प्रिया का वरण करे ॥टेर।।
वय-श्रुत-अनुभव से वृद्ध भले। उनकी छाया में पले-चले।
आज्ञानुसार निज चरण धरे शुभ ॥१॥ वृद्धों की सेवा करे सदा। हाजरियाँ उनकी भरे सदा। तज अवगुण, गुण को ग्रहण करे शुभ ॥२॥
वृद्धों ने युग को देख लिया। युग से ही सत्व विवेक लिया।
पदचिन्हों का अनुकरण करे शुभ ॥३॥ इतिहास बनाया वृद्धों ने। विश्वास जमाया वृद्धों ने। अनुकूलित वातावरण करे शुभ ॥४॥
जिसमें न वृद्ध वह नहीं सभा। "पुष्कर'' सूरज में सिर्फ प्रभा। श्रावक अज्ञानावरण हरे 'शुभ ॥५॥
वीतराग वाणी माहात्म्य
केशर काश्मिरी जान, सरवर मुक्ता खान काबूल में वो प्रधान, चम्पो आबू जानी है बिकानेरी मिश्री जारी, चीनी कारिगरी भारी
हिन्दी की है बोली प्यारी, पुंगल की राणी है ताल तो भोपाल ताल, गढ़ तो चित्तौड़ शाल विद्या माहिं काशी भाल, लौकिक कहानी है पक्ष पात छोड़ी दाखे, मुनि पुष्कर राज भाखे
वाणी माहीं वाणी आच्छी, वीतराग वाणी है।
कृतज्ञ
हिन्दी महिमा
नाना भाषा भारत में, प्रचलित होती जाती
उनमें निर्दोषता का, लेश भी न मानिये
(तर्ज-राधेश्याम) कृतज्ञता ज्ञापन करना क्यों, भूल जाय श्रावक प्यारा। किया गया उपकार समय पर, भले किसी ही के द्वारा॥१॥ उऋण होना सरल नहीं है, मात-सेठ से गुरुजन से। श्री ठाणांग सूत्र बतलाता, महावीर के प्रवचन से॥२॥ अंजनिसुत के उपकारों का, प्रतिफल राम न दे पाते। भाई से बढ़कर हो प्यारे, गले लगाते गुन गाते॥३॥ भार कृतघ्नों का लगता है, प्यारी पृथ्वी माता को। पता न कैसे भूला जाता, उपकारी को, त्राता को ।।४।। गुन एकोनविश श्रावक का, बने कृतज्ञ विशेष भला। कृतज्ञता-ज्ञापन करने की, 'पुष्कर मुनि' यह श्रेष्ठ कला ॥५॥
किसी में है कर्ण कटु, अशुद्धोच्चारण कहीं
किसी माहिं विलेखन, शुद्ध नहीं जानिये टेढ़े मेढ़े शिर कटे, किसी में अक्षर होते
कहीं पर वर्ण व्यर्थ, दोष पहचानिये विवेक वर्द्धिनी शुद्ध, पुष्कर सभ्य भाषा
भारत भाल की भव्य, बिन्दी हिन्दी जानिये
कयण्मक यह
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