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________________ १८ और सामूहिक रूप से जब जप होता है और उसका जो प्रकम्पन होता है उससे वहाँ का वातावरण एकदम विशुद्ध हो जाता है जप की शक्ति अनूठी है। जप-सिद्धि के लिए किया जाता है प्रसिद्धि के लिए नहीं । आज जो नवकार महामन्त्र का जप हुआ है उस विषय में एक प्राचीन आचार्य ने तो लिखा है कि नवकार महामंत्र का जाप आठ करोड़, आठ लाख, आठ हजार आठ सौ आठ बार यदि कोई व्यक्ति एकाग्र मन से कर ले तो वह तीर्थंकर नामकर्म का अनुबंधन कर लेता है। उसके पाप नष्ट हो जाते हैं। या तो वह उसी भव में मोक्ष में जाता है, नहीं तो तीसरे भव में मोक्ष जाएगा ही । आठ भव से वह अधिक संसार में नहीं रहता? कितनी महान शक्ति है जप में श्रद्धेय उपाध्याय श्री सिद्ध जपयोगी थे। वे नियमित समय पर जप की साधना करते थे और जप के प्रभाव से उनके नेत्रों में एक ऐसी दिव्य दृष्टि आ गई थी कि उस दिव्य दृष्टि से सामने वाले व्यक्ति के अन्तर हृदय की बात भी जान लेते थे और उसके तन और मन सम्बन्धी रोगों को भी समझ जाते थे और उसका निराकरण कर देते थे। दिनांक १८ अक्टूबर को उपाध्यायश्री की जयन्ती के उपलक्ष में एक विराट् आयोजन दरेशी स्थित एस. एन. जैन विद्यालय के विराट् प्रांगण में नव्य भव्य आयोजन हुआ। इस पावन प्रसंग पर मद्रास, बैंगलोर, सिकन्दराबाद, पूना, अहमदनगर, औरंगाबाद, बम्बई, नासिक, धूलिया, सूरत, अहमदाबाद, उदयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, जयपुर, अजमेर, मदनगंज, किशनगढ़, नाथद्वारा, सादड़ी, वसई, चण्डीगढ़, अम्बाला, पानीपत, मेरठ, दिल्ली, आगरा आदि विविध अंचलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण बसों, कारों द्वारा यहाँ पर पहुँचे। राजस्थान के शिक्षा मन्त्री श्री गुलाबचंद जी कटारिया और राजस्थान विधान सभा के स्पीकर श्री शांतिलाल जी चपलोत, पंजाब सरकार के जन स्वास्थ्य मंत्री श्री सुरेन्द्र जी कपूर, लुधियाना नगर परिषद के मेयर श्री सत्यप्रकाश जी चौधरी, टाईम्स ऑफ इण्डिया ग्रुप के सहसम्पादक श्री रमेश साहू, | विधायिका श्रीमती तारा भंडारी (राजस्थान), अ. भा. जैन कान्फ्रेंस के अध्यक्ष श्री बंकटलाल जी कोठारी, साहित्यकार श्री श्रीचन्द जी सुराणा, अ. भा. जैन कान्फ्रेंस युवा अध्यक्ष बाबूसेठ बोरा, उपाध्यक्ष कान्फ्रेंस जे. डी. जैन, उपाध्यक्ष आर. डी. जैन, उपाध्यक्ष श्री नृपराज जैन, महिला शाखा अध्यक्षा श्रीमती विद्युत जैन, दिवाकर संगठन समिति के अध्यक्ष श्री लक्ष्मीचन्द जी तालेड़ा, भूतपूर्व विधायक श्री कपूरचन्द जी जैन लुधियाना आदि अनेक विशिष्ट व्यक्तियों ने इस समारोह में भाग लिया। श्री पुष्कर गुरु महाविद्यालय के मंत्री श्री कालूलाल जी ढालावत, स्वाध्याय-संघ ( सायरा) के अध्यक्ष श्री खुमानसिंह जी बागरेचा, श्री पुष्कर गुरु पावन धाम के संयोजक रोशनलाल जी मेहता एडवोकेट स्वाध्याय संघ सायरा के मंत्री श्री नाथूलाल जी माद्रेचा आदि ने अपने भाव सुमन समर्पित करते हुए कहा किउपाध्यायश्री सच्चे ज्ञान-योगी थे और उन्होंने ज्ञान की अखण्ड ज्योति जगाने के लिए हमें उठप्रेरित किया। शिक्षक नेता भंवर सेठ B ने कहा कि मेवाड़ की धरती में एक विशिष्ट विशेषता रही है कि उसने बड़े-बड़े शिक्षाविदों को पैदा किया है। उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी म. ने श्रमण-संघ में शिक्षा-सुरसरिता प्रवाहित की । श्रमण संघीय सलाहकार श्री ज्ञान मुनि जी म. ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि में उपाध्यायश्री के प्रति अपनी अनन्त आस्था व्यक्त की। श्री कमल मुनि जी म. "कमलेश” ने कहा कि उपाध्याय श्री पर समस्त संघ को गौरव है उनका गरिमामय जीवन हमारे लिये सदा ही पथ-प्रदर्शक रहा है। श्री क्रांति मुनि जी म. ने एक श्लोक के माध्यम से अपनी श्रद्धार्चना उपाध्याय श्री के प्रति व्यक्त की। डॉ. श्री राजेन्द्र मुनि जी म. ने उपाध्यायश्री को सच्चे कलाकार के रूप में उपस्थित किया जिन्होंने अनेक व्यक्तियों के जीवन को निखारा है। परम विदुषी डॉ. श्री दिव्यप्रभा जी म. ने उपाध्यायश्री के अद्भुत व्यक्तित्व का चिन्तन करते हुए कहा कि वे सच्चे सद्गुरु थे। उनका सम्पूर्ण जीवन प्रकाशपुंज की तरह था। डॉ. सरिता जी म. ने उपाध्यायश्री को श्रमण संघ के ज्योति पुंज के रूप में उपस्थित किया। पं. श्री रवीन्द्र मुनि जी म. ने उपाध्यायश्री के तेजस्वी जीवन का शब्द चित्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि वे ऐसे महापुरुष थे जिनका जीवन दीपक की तरह था, स्वयं प्रकाशित और दूसरों को प्रकाशित करने वाले थे। महासती श्री सीता जी म., महासती महिन्द्रा जी, महासती सावित्री जी ने भी अपने भाव सुमन उस महागुरु के चरणों में समर्पित किये। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री हीरालाल जी जैन ने श्रद्धेय उपाध्यायश्री जी के विराट जीवन की महिमा और गरिमा का उत्कीर्तन करते हुए कहा कि उनका जीवन कितना महान् था उस जीवन चित्र को शब्दों की फ्रेम में मेंढ़ना बहुत ही कठिन है। उन्होंने स्वर्गीय आचार्य-सम्राट् श्री आत्माराम जी म. का स्मृति दिवस - दिनांक ३० जनवरी को "अहिंसा दिवस" घोषित करने के लिए पंजाब शासन से प्रार्थना की और गरीब झोंपड़ी पट्टी में रहने वालों के सहयोग हेतु दो लाख रुपये का चैक देवकी देवी जैन कॉलेज की ओर से श्री सुरेन्द्र कपूर को भेंट किया। उन्होंने अपनी ओर से पचास हजार रु. की राशि डालकर आचार्य आत्माराम जैन सेवा संघ को ढाई लाख रुपया समर्पित किये। वह सेवा संघ अपने हाथों से गरीबों की सेवा में लगायेंगे। श्री कपूर ने कहा कि पंजाब की धरती पर बूचड़खाना नहीं खुलेगा और जो बूचड़खाना इस समय हमारे मुख्यमंत्री श्री बेअन्तसिंह जी ने बन्द किया है वह सदा के लिए बन्द कराने का हमारा प्रयास चालू है और हम पुरजोर शब्दों में कह सकते हैं कि अब कोई बूचड़खाना यहाँ की धरती पर नहीं खुलेगा और ३० जनवरी को "अहिंसा दिवस" की घोषणा उन्होंने की। शिक्षा मंत्री श्री गुलाबचन्दजी कटारिया (राजस्थान सरकार ) ने अपने भाग्य की सराहना करते हुए कहा कि मुझे उपाध्याय पूज्य गुरुदेवश्री के दर्शनों का सौभाग्य अनेकों बार प्राप्त हुआ, वे एक
SR No.012008
Book TitlePushkarmuni Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, Dineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1994
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size105 MB
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