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करियो गजब इन्याय कंवर तेजाजी ! ताळा तो तोड्या बीजळसार-रा घोड़े-नै ठाण बंधावो कंवर तेजाजी !..................... घोड़े-नै घास नीरावो कंवर तेजाजी ! करलै-नै नीरावो नागर-वेलड़ी खड़नाळे घास घणो रे बेटा माळी-का! वेलड़ी वन छाया नागाणै-रै गोरव पोतोला रे छोरा चाकर-का! अमल-री मनवारा तेजाजी-रै साथ-री अमलां में तो पूर छकिया बेटा माळी-का | अमलां-रा छकिया जासां सासरै तूं छै भरम-रो वीर बेटा माळी-का! मारगियो वता दै सहर पनेर-रो डावी डूंगर जाव रे कंवर तेजाजी ! जीवणी जाव सहर पनेर-नै . गोठां जीम पधारो कंवर तेजाजी !....." कुणां-रा बाग-बगीचा बेटा माळी-का ! कुणां-रा कहीर्ज कूवा-वावड़ी ? राजाजी-रा बाग-बगीचा कंवर तेजाजी ! रायमल-मंतै-रा कूवा-वावड़ी काय-सूं बाग लगावो बेटा माळी-का! काय-सूं खोदावो कूवा-वावड़ी ? हळ-सूं बाग लगावां रे कंवर तेजाजी ! हाथां-सूं लगावां मरवो केवड़ो काय-सं बाग सिंचावो बेटा माळी-का! काय-सूसिंचावो मरवो-केवड़ो? दूधां बाग सिंचायो कंवर तेजाजी ! दहियां सिंचायो मरवो केवड़ो काय-सूबाग निनाणो बेटा माळी-का! काय-सू निनाणो मरवो-केवड़ो ? खुरपां बाग निनाणां कंवर तेजाजी ! नख-सूं निनाणां मरवो-केवड़ो बागां-में कांई रसाल रे बेटा माळी-का !...." बागां-में दाड़म-दाख कंवर तेजाजी ! धोळा फूळां मरवो-केवड़ो किण गळ फूल-माळा रे बेटा माळी-का! कुणां-रै पेचां मरवो-केवड़ो ? राजा-रै गळ फूल-माळा कंवर तेजाजी ! रायमल मूता-रै सिर-रो सेवरो तनै सोनै-री मुरकी रे बेटा माळी-का ! थारी माळण-ने पैराऊ बांको वाड़लो तनै पंचरंग पाघ रे बेटा माळी-का! थारी माळण-नै ओढाऊं बो-रंग चूनड़ी
खड़िया धमल पुराना कंवर तेजाजी ! दिनड़ो तो उगायो सहर पनेर-में घोड़े हीस करी रे कंवर तेजाजी पणिहारयां चमकी सहर पनेर-री चळू दोय पाणी पावो........................ कट वास वसै रै लीलै घोड़े आळा ! किस राजा-री चालो चाकरी? खड़नाल वास वसै..................."रायमल मूता-रै सिगरथ पावणा पानीड़ों कांई मांगो रे ल्होड़ा बैनोई ! झारी तो भर लाऊं काचै दूध-री देवां लाख बधाई भोळी नणदल । पातळियो नणदोई बागां ऊतरयो झूठी झूठ बोलै ए भावज महारी! म्हारो तो परण्योड़ो नागाण देस-में
झूठ बोलतो रामदुहाई भोळी नणदल ! पातळियो नणदोई बागां कतरयो ३२२ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन-ग्रन्थ
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