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________________ अनुकरणीय हैं। पुरातन-साहित्यके शोधके लिए यह संग्रहालय विशेष रूपसे आवश्यक सामग्री प्रदान करनेवाला है और यह ग्रन्थालय राष्ट्रके लिए गौरवकी वस्तु है । टीकमसिंह तोमर हिन्दी विभाग बलवन्त राजपूत कॉलेज, आगरा १७-१०-५२ आज ता. २८-७-६० को श्री अगरचन्द नाहटाजीके पुरातन सामग्री के संग्रहको देखनेका सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। उनकी अनुपस्थितिमें यह संग्रह देखा, इसका खेद रहा। किन्तु यह संग्रह बड़े महत्त्वका है और नाहटाजीको पुरातन संस्कृतिसे कितना लगाव है इससे यह भान हो जाता है। संग्रहके प्रदर्शन और संरक्षणके लिए स्थानका अभाव है। आशा है, नाहटाजी इसके लिए भी कोई उपाय निकाल सकेंगे ताकि यह अमूल्य संस्कृति निधि स्थायी रहे एवं आनेवाली पीढ़ियोंको पूर्ण प्रेरणा दे सके । संग्रहकी और भी अधिक समृद्धिके लिए मैं हार्दिक कामना करता हूँ। यज्ञदत्त शर्मा सुपरिण्टेण्डेण्ट, पुरातत्व विभाग नयी दिल्ली २८-७-६० कल बीकानेरमें आपका ग्रन्थ-भण्डार और कला-संग्रह देखकर मैं मुग्ध हो गया हूँ। किसी एक व्यक्तिका इतना बड़ा ग्रन्थ-वैभव हो, यह इस भौतिक युगमें तो विस्मयजनक ही है। कई मित्रोंसे आपके इस भण्डारका यश सुनता रहा था । प्रत्यक्ष देखकर चकित रह गया। आप स्वयं चलते-फिरते जीवित संग्रहालय है, अद्भुत संस्था ही हैं और वह भी जागरूक एवं कर्तव्यरत ! बीकानेर हो नहीं समस्त राजस्थानका परम सौभाग्य है कि इतना वैभवपूर्ण कोष उसके आँचलमें एक व्यक्तिने प्रतिष्ठितकर वैभवशाली बना दिया है । वह स्थायी निधि हो और सदैव ज्ञानका आलोक देता रहेगा। मेरा हार्दिक अभिनन्दन । सूर्यनारायण व्यास राजभवन, जयपुर राजस्थान १४-१२-६६ श्री नाहटाजीसे उनके लेखों द्वारा पिछले बीस वर्षोंसे परिचित था, परन्तु साक्षात्कारका अवसर नहीं प्राप्त हो सका था। आज वह अवसर अनायास ही प्राप्त हो गया। मुझे इनसे मिलकर तथा इनके निजी पुस्तकालय एवं कला-संग्रहको देखकर अतीव हर्ष हुआ । आप जैसे साहित्य एवं इतिहास प्रेमियों द्वारा ही देशके इन विषयों की अविचल परम्परा शताब्दियों से अक्षुण्ण बनी हुई है। आपका कला-संग्रह अपने ढंगका अनूठा है । पुस्तकालय अपने में पूर्ण है और शोध कार्यके लिए सर्वथा उपयुक्त है ।। रामवृक्ष सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय ३०-११-७० ३९८ : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन-ग्रंथ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.012007
Book TitleNahta Bandhu Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDashrath Sharma
PublisherAgarchand Nahta Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages836
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size24 MB
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