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यशपाल जैन बी. ए., एल-एल. वी. । अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक, पत्रकार, गांधीवादी विचारक । जन्म-सितम्बर 1912, अलीगढ़ (उ. प्र.)। प्रयाग विश्वविद्यालय से एल-एल. बी.। 1937 में वकालत का व्यवसाय छोड़कर पत्रकारिता जगत में प्रविष्ट । प्रसिद्ध साहित्यकार । सैकड़ों कहानियाँ व लेख प्रकाशित। लगभग एक सौ पुस्तकों के रचियता। सम्पादक "जीवन साहित्य" । पूर्व सम्पादक - “जीवन सुधा" "मधुकर" एवं "वीर" । मंत्री-सस्ता साहित्य मण्डल, नई दिल्ली। अध्यक्षअ. भा. अणुवत समिति । हिन्दी भवन, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति एवं चित्रकला संगम, आदि संस्थाओं के संस्थापक सदस्य एवं पदाधिकारी । सदस्य का. का-अ. भा. 2500 वां भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव समिति । पंच महाव्रतधारी । लगभग 35 देशों की यात्रा की। सम्पर्क7/8 दरियागंज, दिल्ली 6 ।
डा. राजाराम जैन
एम. ए. (हिन्दी), पी-एच. डी., शास्त्राचार्य । हिन्दी-संस्कत व प्राकृत भाषाओं के अधिकारिक विद्वान, मूर्धन्य साहित्कार । सम्पादक---- ज्ञानोदय (1954--55)। प्राध्यापक, हिन्दी विभाग - राजकीय महाविद्यालय, शहडोल (1955-56) एवं राजकीय प्राकत शोध संस्थान (1956-61); संस्कन-प्राकृत विभाग, हा. दा. जैन कालेज, आरा, मगध विश्वविद्यालय (1961 से) । अनेकों शोधनिबन्ध, लेख व पुस्तके प्रकाशित । प्रकाशित प्रमुख पुम्नक . रईधू साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन (पुरस्कृत), 'वडमाण चरिउ', रइधू ग्रन्थावली (16 खण्डों में प्रकाश्य, 2 खण्ड प्रकाशित), वीर जिणंद चरिउ (रईधूकृत), प्राकून ग्रन्थ संग्रह, आरामसोहाकहा, श्रमण साहित्य में वर्णित विहार की कुछ जैन तीर्थभुमियां, संस्कृत प्राकत विषयक 5 शोध छात्रों को पी-एच. डी. हेतु निर्देशन। सम्पादक, "जैन सिद्धान्त भास्कर । "Jain Antiquary"। कीटक विश्वविद्यालय में आयोजित आल इण्डिया ओरिएन्टल कान्फ्रेन्स के 28वै अधिवेशन (1976) में "प्राकत एवं जैनिज्म विभाग" के अध्यक्ष । मगध विश्वविद्यालय द्वारा देवकुमार जैन ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट आरा के सन्मान्य निदेशक मनोनीत । अ. भा. शा. पुरस्कार (वडीत), वीर निर्वाण भारती पुरस्कार (दिल्ली) तथा वीर निर्वाण भारती स्वर्णपदक पुरस्कार प्राप्त । सम्पर्क-महाजन टोली नं 2, आरा (बिहार)।
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