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क्रियान्वित किया जाना है, स्थगित कर देगा। जिसके चारों ओर भगवान महावीर के प्रमुख उपदेश परिणामस्वरूप यह योजना विमत में एक बड़े अन्तराल अंकित किये गए हैं। स्तम्भ के चारों ओर का उद्यान तक स्थगित रही, परन्तु यह प्रसन्नता की बात है कि विकसित किया जा रहा है. जिसके शीघ्र पूर्ण होने की अव इस प्रकार के संकेत मिले हैं कि ग्वालियर के सभी आशा है । ऐसी अपेक्षा है कि आगामी महावीर निर्वाण वों के नागरिक. इसके निर्माण में तीब्र रुचि रखते हैं, दिवस तक इस स्तम्भ का उद्घाटन भी सम्पन्न हो व इसी स्थान पर इसके निर्माण के लिये पूर्ण सहयोग सकेगा। देने को तत्पर हैं। ऐसी आशा की जाती है कि परिवर्तित परिवेश में शासकीय वाधाएँ भी शीघ्र ही भावो कायक्रम-न्यास के भ समाप्त हो जावेंगी।
रूप में प्रमुख, 'महावीर भवन" का निर्माण है,
जिसके आगामी वीर निर्वाण दिवस तक प्रारम्भ हो जाने । महावीर कीर्ति स्तम्भ- तीर्थ कर महावीर के की आशा है। इसके साथ ही उसमें संग्रहालय, पुस्त2500वें निर्माण महोत्सव वर्ष के अवसर पर कालय एवं शोध संस्थान की स्थापना का कार्य भी देशभर में स्थापित कीर्ति स्तम्भों के निर्माण की हाथ में लिया जावेगा। महावीर भवन की सम्पर्ण शृखला में न्यास ने ग्वालियर में एक भव्य "महावीर योजना के विकास के साथ ही आध्यात्मिक, शैक्षणिक कीर्ति स्तम्भ" की स्थापना का निश्चय किया। इस हेतु तथा बौद्धिक विकास की दिशा में ग्वालियर को इस न्यास के निवेदन पर नगरपालिक निगम ग्वालियर के महत्वपूर्ण संस्थान की बहमुखी सेवाएं उपलब्ध होंगी द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय भवन के निकट स्थित जो ग्वालियर के विकास को नई दिशा देंगी। उद्यान में "महावीर कीर्ति स्तम्भ" व "महावीर उद्यान" के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करना स्वीकार कर लिया। इस सारे पुनीत कार्य में अभी तक पर्याप्त जनतदनुरूप दिनांक 1375 सितम्बर 75 को नगरपालिक सहयोग प्राप्त हुआ है, जिसके लिये न्यास सौभाग्यनिगम, ग्वालियर के तत्कालीन प्रशासक श्री रामकृष्ण शाली है। और ऐमी अपेक्षा है कि भविष्य में भी उसे गुप्ता द्वारा उक्त कीति स्तम्भ की आधारशिला रखी ऐसा ही सक्रिय जनसहयोग प्राप्त होता रहेगा और गयी। श्वेत मंगमरमर से निर्मित तेईस फीट ऊंचा यह वह अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल होकर ग्वालियर विशाल कीर्ति स्तम्भ अब पूर्णतः निर्मित हो चुका है, की बड़ी महत्वपूर्ण सेवा कर सकेगा।
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