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208 DESCRIPTIVE CATALOGUE OP AYURVEDIC MANUSCRIPTS
The MS. is a treatise on the Reading of Pulse, written in Hindi language in the form of 'dohā'. Beginning :
श्रीगणेशाय नमः ॥ दोहा ॥
प्रथम हि सीस चढाऐ निजगुर(रु)पद पदुमप्रयाग । प्पोरेपुनि चंडीचरन (ण)वंदी अति अनुराग ॥१॥ फरा सीसके देसको वैदक कष्टविनास । रुहेव वारतामे प्रथण्यारे वहुत प्रकास (श) ॥२॥ पुरोहित अरु अनुजहितप्यारे आऐ सपास ।
सहज हि नाना छंदमेता कोदीन्ह वनाऐ ॥३॥ अथ नारी (डी)परीक्षा चो पाई
नरनारी (डी) दहिनेकर देखे अरुपुनि वाम वाम करे पेखें। अगुरी चारिनारी (डी) पर धरै खोठसवीध की रोग विचार ॥४॥
End :
पाचवालछन । सोरठा ॥
नारी (डी) चलै जो वाम कफते वाइ पुनिसोइ ।
सून हु सकल गुनधाम नारी (डी)परीछा (भा) है ऐही। वरवा ॥
नैन स्रवन अल्छाती कमरपीराऐ जापदुष(ख) अरूरे घनी सीस चढाऐ ॥ नाथावुज कर सुनु मनचितला ........... ।