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परिशिष्ट
यदि बादशहा जो अनायोका रक्षक है यह आज्ञा दे दें कि भादों मासके बारह दिनों में जो पचूसर ( पजूषण ) कहलाते हैं और जिनको जैनी विशेष करके पवित्र समझते हैं कोई जीव उन नगरोंमें न मारा जाय जहां उनकी जाति रहती है तो इस्से दुनियांक मनुष्यों में उनकी प्रशंसा होगी बहुतसे जीव वध होनेसे बच जायगे और सरकारका यह कार्य परमेश्वरको पसंद होगा और चूंकि जिन मनुष्योने यह प्रार्थना की है वे दूर देशसे आह और उनकी इच्छा हमारे धर्मकी आज्ञाओंके प्रतिकूल नहीं है वरन उन शुभ कार्योंके अनुकल ही है जिनका माननीय और पवित्र मुसलमानने उपदेश किया है. इस कारण हमने उनकी प्रार्थनाको मान लिया और हुक्म दिया कि उन बारह दिनों में जिनको पचूसर (पजषण ) कहते हैं किसी जीवकी हिंसा न की जावे ।
" यह सदाकेलिये कायम रहेगी और सबको इसकी आज्ञा पालन करने और इस वातका यत्न करनेकेलिये हुक्म दिया जाता है कि कोई मनुष्य अपने धर्मसम्बधी कायोंके करनेमें दुःख न पावे । मिती ७ जमादुलसानी सन ९९२ हिजरी."
लेख नं. २.
हम यहां महाराना श्री राजसिंहजीके आज्ञापत्रको नकल करते हैं
Tod's Rajasthan. VOL. I. Appendir No. V.-PP. 6158-697.
Mahirana Sri Muaj Sing, Communding: To the Mobles, Ministers, Patels, of the ten thousand (villages) vi Hrvar i lussehes Mewar-ra,) arcording to your stations-read !
1. From remote tinies, the temples and dwellings of the Jains have been authorized; let stone therefore within their boundries carry aniuus to slaughter-this is their ancient privilege.
.. Whatever life, whether man or animal, passes their abode for the purpose of being killed, is saved ( amra ).
3. Traitors to the Stiite, robbers, felous escaped confinement, who mity tly for sanctuary ( sirna ) to the dwellings (jusra ) of the Yatis, shall not there bu seized by the servants of the Court.
1. The kunchi ( handful ) at harvest, the muti ( handful ) of Keranoh, the charity lands ( doli ), grounds, and houses, established by them in the various twous, shall be maintained.
6. This ordinancy is issued in couscquence of the representation of the Ric Manol to whom is granted fiftcen Bighas of Adhan land, and twenty five of Malatic. The same quantity of each kind in each of the districts of Nimmtch and Nimbalira.-Totul in three districts, forty five bighals of edhan, and scventy five of mal.