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॥ॐ नमः सवर २२ वर्षे वैशा२मा से शुक्ल ९ रवीति श्री सुविधिनाथ ने वर वर एक
स्था
श्रीका
नगरी
कल्या
स्थान
घन
मले
वित्ते
कं दी।
म
Footprin's Kakandi Temple, dated S. 1822 (1765A. D.)
एक ।
श्री सा
जीर्णो
राशि
निंदी
द्वारक
तिर
का कंदीनामको वरः