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सूरा ना सूरमादे सा० श्री रङ्ग सदारङ्ग थमीपलादि कुटुम्ब युसेन साह स चवीषण श्री सुमतिनाथ बिवं कारित प्रतिष्ठितं श्री तपा गछे श्री विशाखसोम सरि शिष्य श्रीश्री५-- सुरिजिः।
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छींकार यंत्रपर।
सम्बत १६६ए बर्षे शुक्तपदे त्रयोदशी दिने शुक्रवारे श्री मूलसंधे सरस्वति गळे व कार गणे चंपापूरी नगर शुजस्थाने ---
1159] सम्बत १६७३ वर्षे मूलसंघे ज० श्री रत्नचंड उपदेशेन उपा० श्री जयकीर्ति प्रतिष्ठित - ग्रामे समस्त श्री संघेन काराप्तिं ।
बाबु सुखराज रायजी का घरदेरासर - नाथनगर
पाषाणके मूर्तिपर।
[ 160] सं० १७७७ माघ सुदि १३ बुधे श्रोस वंशे कगरा गोत्रीय साला जमनादास तन्नार्या धासकुवर तथा श्री वासुपूज्य जिन विवं कारितं मुनि हेमचंयोपदेशात्प्रतिष्ठितं श्री बृहत् खरतर गछीय श्री जिन ---- ।
पञ्चतीर्थीयों पर।
[161] सं० १५१५ --- मंत्रिवलीप श्री काणागोत्र व साधू ना पम्मिणि पु० स०