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काही पुत्र सा० सीहा सुश्राव केण जा० सूदविदे पुत्र श्रीवंत श्रीचंद स्तदाजड रव शिवदास पौत्र सिद्धपाल प्रमुख कुटुम्ब युनेन श्री अञ्चल गणेश श्री जयकेशरि सूरीणामुपदेशन मातृ पुष्यार्थं श्री कुन्थुनाथ बिंवं कारापितं प्रतिष्ठितं श्री सन ॥
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सं० १५३६ बर्षे वैशाख सुदि ५ जोमे उपकेश ज्ञातीय व धरणी जा० ऊखी सु० देठाला जा० कुंती कनसू जतृ आत्म श्रेयोथं श्री धर्मनाथ बिंबं का प्रति० श्री नाणवान गर्छु भी धनेश्वर सूरिः । कोर ( वास्तव्यः ।
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सम्बत १५५२ बर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ शुक्रे श्रीमाल ज्ञातीय माथलपूरा गौत्रे म० हंसराज ० दास पु० सा० बेढा जा० बीमादे आत्म श्रेयसे श्री चंद्रप्रन बित्रं कारापितं श्री ध घोष ने ज० कमलप्रसूरि तत्पट्टे ज० श्री पुष्यवर्द्धन सूरिजिः प्रतिष्ठितं ॥ छ ॥
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सम्बत १५७५ बर्षे माघ सुदि ६ गुरौ श्री श्रीमाल ज्ञातीय श्रेष्ठि लागण जार्या थजी सुतवास रूढ़ा जेसिंग ढूड़ा जा० रमादे स्वपितृ मातृ श्रेयोर्थ श्री धर्मनाथ बिंवं कारित श्री आगम गछे श्रीमुनिरत्न सूरि पट्टे श्री थानन्दरत्न सूरिजिः प्रतिष्ठितं बूबूयाणा वास्तव्यः ॥
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सं० १८७० वर्ष फागुण सु० ए बुधे राजाधिराज श्री नामि नरेश्वर ताया श्र| मरु देव्या तत्पुत्र श्री ५ यादिनाथ बिंबं का० इंद्राणी यनिभानेन कर्मरूपार्थं श्रेयोस्तु शुभं भवतु ॥
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सं० १६५० वर्षे माघ सित पञ्चमी सोमे वृद्ध शाखार्या अहमदावाद वास्तव्य उसवाख ज्ञातीय । सा० घोघा नार्या कव्हा सुत सा० राजा जार्या श्रावक सुत सा० अयतमाख । जायी