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पु० च दासेन पु० उपसेन सहीसेन सूर्यसेन बुद्धिसेन देवपाल वीरसेन महिराजादि युतेन श्री शान्तिनाथ का श्री जिनभड सुरि पट्टे श्री जिनचंद्र सूरिभिः प्रतिष्ठितं ॥
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सम्बत १५१५ बर्षे कार्त्तिक बदि ४ गुरू श्रीमाली ज्ञातीय मंत्रि देपा जार्या सहिज् सुत वरजांगकेन जातृ जेसा नरवद हापा सहितेन पितृ मातृ भेयोर्थ श्री अजितनाथादि चतुविंशति यह कारित प्रतिष्ठित श्री ब्रह्माण गष्ठे श्री मुनिचंद्र सुरि पट्टे श्री बीर सूरिजिः ॥ श्रेया वास्तव्यः श्री शुनं जनतु ॥ श्रीः ॥
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सं० २२२४ ० शु० १० उकेश वेदर वासि स० महिराज नार्या चपाई सुत पद्मसिंहेन जमिनी पद्माई प्रमुख कुटुम्ब युतेन श्री शीतलनाथ बिंवं का० प्र० तपा श्री सोमसुन्दर सुरि सन्ताने श्री लक्ष्मीसागर सूरिजिः ॥ श्रीरस्तु ॥
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सं० १५२४ बै० शु० प्रा० श्रे० पाता जा० बाबू पुत्र जोगाकेन जा० जावड़ि पु० रामदास जातृ अर्जुन जा० सोनाइ प्र० कृ० युतेन श्री शीतलनाथ बिंबं का० प्र० श्री सोमसुन्दर सूरि सन्ताने श्री लक्ष्मीसागर सूरिजिः ॥
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सं० १५३२ बर्षे वै० सु० ६ सोमे श्री केश बंशे श्रात्रु सन्ताने ज० जोजा पुत्र नखाता इना ज० जोहड़ा नारदाच्या भो अजिनन्दन जिन बिवं कारितं प्र० श्री खरतर गले श्री जिनचंद्र सुनिः ॥
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सं० १५३२ वर्षे वैशाख सु० १० शुक्रे
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जोर गोत्रे सre वय जा