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( 734 ) सं० १५२५ वर्षे मार्ग शीर्ष बदि शुक्र श्री उपकेश ज्ञातीय त्री दगड़ गोत्र म. पनरपास पु० बछराज मा. कम्मी पुत्र सारंग सुदय बच्छाभ्यां पितु पुण्यार्थं श्री कुंघुनाथ विवं कारिता प्र० श्री रुद्र पल्लीय गच्छे श्री देवसुंदर सूरि पह H० श्री सोम सुंदर सूरिभिः।
( 735 ) सं० १५३७ वर्षे वैषाख सुदि ७ दिने श्रोउपकेश वंशे व - रा गोत्र अभयसिंह संताने सा• कुता भार्या लषमादे सा० डाहत्य श्रावण मा. पूराई पुत्र मरा जीवा देवादियुतेन श्री धर्मनाथ विंव का० श्री खरतर गच्छे श्री जिनमद्र सूरि पह श्री जिनचंद्र सूरि पट्टे त्री जिन समुद्र सूरिभिः प्रतिष्ठितः॥
भावहर्ष गच्छके उपासरेमें केशरियानाथजी का देरासर ।
( 36 ) ॥ॐ॥ सं० १०६-वैशाख बदि ५-..- प्रतिमा कारितेति ।
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सं० १५३३ श्री माल फोफलिया गोत्रे सा० यहड़ मा० नापाई पुत्र बुढाकेन मा० --- कदयेन यतेन श्रीविमलनाथ विवं का०प्र० श्रीधर्म घोष गच्छे श्री पद्मानन्द सूरि श्री।
( 738 ) सं० १०१८ सा. रामजा सुत तेजसो श्री आदिनाथ विवं का. प्र. श्री विजय गच्छे वापणा सुमति सागर सूरिभिः आचार्य श्री -..।