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सबस १४४३ वे० ० शु० १५ पूर्णिमा तिथो रविवासरे बृहत्खरतर गच्छे श्री जिन भक्ति सूरि पहालंकार अहारक भो १०५ श्री जिनलाभ सूरिभिः आदेशात् सनीपुर - श्री ऋषभदेवजी
सहूक
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सरस्वतीजी महादेवजी के चरण चौकी पर ।
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with
संवत १६७६ वर्षे मा० सुद० १३ --1
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श्री राम विजयादी प्रमुखे
मरुदेवी माताजी के हस्ति पर ।
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संवत १७११ वर्षे वैशाष सुदि ३ सोमे श्री मूलसंघे सरस्वति गच्छे वलात्कारगणे श्री कुं -- 1
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संवत १७३४ व० माघ मासे शुक्लपक्षे - तिथी भृगुवासरे श्री मूलसंघ काष्ठासंघ महारक श्री रामसेनीन्वये तदाम्नाये भ० श्री विश्व भूषण अ० यशः कीर्त्ति भ० श्री चित्रन कीर्त्ति
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संवत १७४६
वर्षे फागुण सु० ५ सोमे श्री मूलसंघ सरस्वति गच्छे बलात्कार गणे श्री श्री कुंदकुदाचार्यन्वये महारक श्री सकल कीर्त्ति स्तदन्तर भट्टारक श्री दामकीर्त्ति ।