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श्री केसरियानाथजी ( मेवाड़) यह स्थान जो मेवाड़की राजधानी उठयपूरसे २० कोस पर है रखदेखो नामसे भी प्रसिद्ध है। मूलनायक श्री ऋषभदेवकी मर्ति स्थामवर्ण बहुत प्राचीन और इनका अतिशय बहुत विलक्षण हैं। मन्दिरके बाहर महाराणा साहबोंके अघाट बहुतसे हैं।
पंचतीर्थी पर।
( 635 ) सं० १५१८ वर्षे माघ सु. १३ दिने उप. ज्ञा० पोमा भा० पोमी सु० जावलकेन मा० गोलादे सु० जसा धना वना मना ठाकुर परवतादि कुटंवयुतेम स्वपित श्रेयसे श्री धर्मनाथ विंवं का. प्र. तपा गच्छे श्री सोम सुंदर सूरि संताने श्रीलक्ष्मी सागर सूरिभिः।
पाषाण पर।
( 636 ) श्री कायासवास वासीसा केवलापदाग नमो क्षमाग्रत (2) आदिनाथ प्रणमामि-- विक्रमादित्य संवत १४३१ वर्षे वैशाख सुदि अक्षय तिथौ बुध दिने चादी नाधुराल ...।
(637 ) श्री आदिनाथ प्रणमामि नित्यं विक्रमादित्य संवत १५७२ वैशाष सुदि ५वार सोमवार श्री जशकराज श्री कला भार्या सोवनवाई चोजीराज यहां धुलेवा ग्राम श्री ऋषभ नाथ प्रणम्य कडीआ फीईआ भार्या भरमी तस्या पवेई सा. भार्या हासलदे तस्य पगकारादेव रारगाय म्रात वेणीदास भार्या लास्टी चाचा आर्या लीसा सकलनाथ नरपाल श्री काष्ठा संघ----श्री ऋषभनाथजी श्री नाभिराज कुष श्री तां-री कुल --।